काला कानून के खिलाफ शिक्षकों का विरोध मार्च : जमकर की नारेबाजी, MLC ने सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप
गया : शहर के ऐतिहासिक गांधी मैदान से शिक्षकों ने नई शिक्षक नियमावली के विरोध में मार्च निकाला। इस दौरान विरोध मार्च में शामिल शिक्षक विभिन्न सड़क मार्गो से होते हुए समाहरणालय के मुख्य द्वार पर पहुंचे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। विरोध मार्च का नेतृत्व नवनिर्वाचित भाजपा एमएलसी जीवन कुमार ने किया।
इस दौरान जीवन कुमार ने कहा कि सरकार ने शिक्षकों के खिलाफ जो काला कानून लाया है, हमलोग उसका विरोध कर रहे हैं. यह विरोध पूरे बिहार में हो रहा है. 2023 अध्यापक नियमावली का हमलोग विरोध करते हैं। इस नियमावली के तहत अब 59 वर्ष तक की आयु वाले शिक्षकों को भी परीक्षा देनी होगी। यह पूरी तरह से हास्यास्पद है और शिक्षकों के विरोध में है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने चुनाव से पहले यह वादा किया था कि अतिथि शिक्षकों और नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाएगा। लेकिन सरकार में आने के बाद ये अपने वादे से मुकर गए।
उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार ने शिक्षकों से जो वादा किया था, अब वादाखिलाफी कर रहे हैं। शिक्षक समाज का आईना होते हैं। यही वजह है कि हम शिक्षकों के इस विरोध का समर्थन कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। हम शिक्षकों के समस्याओं को दूर करने के वादे के साथ चुनाव जीत कर आए हैं और हमेशा शिक्षकों के लिए समर्पित रहेंगे। जब तक सरकार काला कानून को वापस नहीं लेती और शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा नहीं देती हमारा आंदोलन जारी रहेगा।