Jharkhand News : लापरवाही ने ले ली नवजात की जान, अस्पताल में हंगामा

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Negligence took the life of the newborn, commotion in the hospital Negligence took the life of the newborn, commotion in the hospital

चतरा:-चतरा के ऊंटा निवासी विशाल रजक के घर जन्मी खुशी कुछ ही घंटों में मातम में बदल गई। उनकी पत्नी खुश्बू देवी ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ऊंटा में एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया था। लेकिन स्वास्थ्य केंद्र की लापरवाही, पैसे की मांग और सही समय पर इलाज न मिलने के कारण नवजात की जान चली गई। घटना ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश और गहरी निराशा फैला दी है। परिजनों ने बताया कि बच्चा अस्वस्थ था, लेकिन स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद कर्मियों ने बच्चे को छोड़ने के एवज में पैसे की मांग की। परिजनों का कहना है कि पैसे तुरंत नहीं देने पर नवजात को काफी देर तक नहीं छोड़ा गया, जिससे उसकी हालत बिगड़ने लगी। दबाव में आकर जब परिवार ने पैसे दिए, तभी जाकर बच्चा उन्हें सौंपा गया।


लेकिन तब तक इलाज में देरी काफी भारी पड़ चुकी थी। उन्होंने बताया कि बच्चा ऑक्सीजन पर रखा गया था, लेकिन अचानक बिजली कट जाने से ऑक्सीजन सप्लाई बाधित हो गई। नवजात को सांस लेने में दिक्कत होने लगी और उसकी हालत तेजी से खराब होने लगी। अस्पताल में वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं थी। परिजन बच्चे को तत्काल सदर अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। दूसरी ओर, स्वास्थ्य केंद्र की एएनएम ने परिजनों के सभी आरोपों को नकार दिया है। उनका कहना है कि बच्चे की हालत जन्म के कुछ देर बाद ही खराब होने लगी थी, जिसके बाद उसे ऑक्सीजन पर रखकर प्राथमिक उपचार किया गया और फिर तुरंत रेफर कर दिया गया। उन्होंने पैसे लेने के आरोप को निराधार बताया।


घटना के बाद ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र में न तो बिजली की स्थायी व्यवस्था है, न आपातकालीन सुविधाएं, और न ही कर्मियों में संवेदनशीलता। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सुविधाओं और जिम्मेदारी के अभाव में आए दिन मरीजों की जिंदगी खतरे में पड़ती है, लेकिन प्रशासन कभी गंभीरता नहीं दिखाता। यह घटना सिर्फ एक परिवार का दर्द नहीं, बल्कि स्वास्थ्य तंत्र की खामियों का आईना है। पैसे की कथित मांग,बिजली व्यवस्था की नाकामी और प्राथमिक चिकित्सा में देरी ने एक नवजात की जान ले ली। परिजनों ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। अब देखना यह है कि स्वास्थ्य विभाग इस गंभीर मामला की जांच करता है या फिर यह भी कई अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा।