Jharkhand News : मोंथा चक्रवात ने किसानों की सालभर की मेहनत की बर्बाद, राहत पैकेज की मांग तेज

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Montha cyclone destroys year's hard work of farmers, demand for relief package intensifies Montha cyclone destroys year's hard work of farmers, demand for relief package intensifies

चतरा:-चतरा में मेंथा चक्रवात ने किसानों को साल की मेहनत पर पानी फेर दिया। तेज हवाओं और लगातार हुई बारिश ने जिले के कई प्रखंडों में खड़ी धान, मक्का और सब्जियों की फसल को पूरी तरह चौपट कर दिया। खेतों में खड़ी फसलें या तो गिर गई या फिर पानी में डूबकर सड़ने लगीं। ग्रामीण इलाकों में स्थिति इतनी खराब है कि किसानों के सामने अब आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। खेतों में तीन से चार फीट तक पानी भर गया, जिससे धान की बालियां सड़ने लगीं। किसान अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मुआवजे की मांग कर रहे हैं, ताकि कुछ हद तक उन्हें राहत मिल सके। किसानों के बीच इस आर्थिक संकट में सालभर की मेहनत में जो खर्च हुआ, वह सब चला गया। अब अगर सरकार से मुआवजा नहीं मिला तो अगली फसल बोना मुश्किल हो जाएगा।


किसानों का कहना है कि उन्होंने जो भी धान लगाया था, अब एक भी कटाई लायक नहीं बचा। तेज बारिश और तूफानी हवाओं के कारण खेतों में पानी भर गया है, जिससे फसलें सड़ने लगी हैं। जिन खेतों में कटाई की तैयारी चल रही थी, वहां अब दुर्गंध फैल गई है और धान में अंकुरण शुरू हो गया है। किसानों ने बताया कि सालभर की मेहनत और निवेश एक झटके में बर्बाद हो गया। बीज, खाद और मजदूरी पर खर्च किए गए हजारों रुपये डूब गए हैं। अब उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। कई किसान कहते हैं कि अगर सरकार से मुआवजा नहीं मिला, तो अगली फसल की बोआई संभव नहीं होगी। मोंथा चक्रवात ने न केवल खेतों को डुबोया है, बल्कि किसानों की उम्मीदों और भरोसे को भी गहरी चोट पहुंचाई है।

जिप उपाध्यक्ष ब्रज किशोर तिवारी ने बताया कि जब मोंथा चक्रवात हमने क्षेत्र भ्रमण का योजना बनाया। और क्षेत्र भ्रमण के दौरान हमारे किसानों का सभी फसल नुकसान हो गया है। खेत में धान का अंकुरण आ गया है। हमने उपायुक्त से एक पत्र लिखकर आग्रह किया कि जो संबंधित पदाधिकारी हैं उनके आकलन कर के जो बीमा करती है जो नहीं कराए है उन सब का आकलन कराया जाय। उन्होंने कहा कि उपायुक्त के माध्यम से सरकार से मांग रखा था कि किसानों को सही मुआवजा मिले ताकि वो पुनः खेती पर विश्वास जमा सकें। उन्होंने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान किसानों ने बहुत सारी समस्याएं बताएं कई किसानों ने तो कर्ज लेकर खेती की है, अब उनको भी लाले पड़े हैं कि अब वो पैसा वापस कहां से करें।


मोंथा चक्रवात से हुए फसल क्षति को लेकर चतरा विधायक जनार्दन पासवान ने कहा है कि चक्रवात से जिले के किसानों को भारी नुकसान हुआ है और प्रशासन को तत्काल सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि तेज हवाओं और बारिश के कारण जिले के कई प्रखंडों में फसलें पूरी तरह चौपट हो गई हैं। किसानों की साल भर की मेहनत पर पानी फिर गया है। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि प्रभावित इलाकों का जल्द सर्वे कराया जाए और जिन किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं, उन्हें फसल बीमा योजना और राज्य आपदा राहत कोष के तहत तत्काल क्षतिपूर्ति दी जाए। विधायक ने यह भी कहा कि वे आगामी विधानसभा सत्र में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएंगे, ताकि पूरे झारखंड में मोचा चक्रवात से प्रभावित किसानों को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार को इस आपदा को कृषि आपदा घोषित कर विशेष राहत पैकेज जारी करना चाहिए।

मोंथा चक्रवात से हुए भारी तबाही के बाद चतरा जिला प्रशासन ने राहत और क्षतिपूर्ति की प्रक्रिया तेज कर दी है। उपायुक्त कृतिश्री जी ने कहा है कि जिले के सभी प्रभावित इलाकों में फसलों के नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वे टीमों को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि प्रशासन फसल बीमा राहत योजना के तहत किसानों को हरसंभव सहायता प्रदान करेगा। उपायुक्त ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से किसानों की सुविधा के लिए एक विशेष हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। इस नंबर पर किसान अपनी फसल क्षति से संबंधित शिकायत या जानकारी दर्ज करा सकते हैं। शिकायत दर्ज होने के बाद प्रशासनिक टीम संबंधित फसल की सर्वे करेगी और वास्तविक स्थिति की पुष्टि के बाद मुआवजे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।