जब विधायक सतीश ने गाए क्रांतिकारी गीत. : नवोदय स्कूल के छात्रों ने बजाई तालियां..फिर IG मनोज ने भी सुनाए IPS बनने की दास्तान.
GAYA:-गया जिला के जेठियन नवोदय विद्यालय छात्र उस समय खुशी से झूम उठे..जब मखदुमपुर के आरजेडी(RJD) विधायक ने सतीश दास ने उन्हें जीवनी बताते हुए क्रांतिकारी बदलाव से संबंधित आंदोलन गीत गाकर सुनाया और IG मनोज कुमार ने IAS और IPS बनने के गुर सीखाते नजर आए..
दरअसल यह मौका था गया के नवोदय स्कूल के बार्षिक मीट का... जिसमें स्कूल में पढने वाले छात्रों के साथ ही कई पूर्ववर्ती छात्र भी शामिल हुए.इस समारोह में मखदुमपुर के आरजेडी विधायक सतीश दास और आईजी मनोज कुमार भी शामिल हुए.दोनो एक ही बैच में इस स्कूल से एक साथ पढाई की थी.इस विद्यालय के छात्र रहे आईजी मनोज कुमार ने अपनी पुरानी यादें बच्चों से शेयर किया और कामयाबी के गुण भी बताये.छात्रों के सवाल पर उन्हौने खुद के आईपीएस बनने के कठिन संघर्षों की चर्चा भी की.
इसके साथ ही मखदुमपुर विधायक सतीश दास ने क्रांतिकारी बदलाव आंदोलन की गीत कार्यक्रम के दौरान गाए.विधायक ने कहा कि विद्यालय के मंच पर उनकी शिक्षिका इस क्रांतिकारी गीत को गाने से रोकती थी..अब विधायक बनने के बाद वे गीत गा रहे हैं.नवोदय विद्यालय के अपने अनुभव को सुनाते हुए विधायक सतीश दास ने कहा कि इस स्कूल में नामांकन के बाद वे यहां पढ़ने के समय रोया करते थे.उस समय स्कूल में ज्यादा सुविधायें नहीं थी .एक लैंप के सहारे दीए जलाकर पढ़ते थे .अब बिजली पहुंच गई है. साथ में मोबाइल फोन और कई सुविधाएं बच्चों को मिल रही है.इसलिए अब यहां की स्थिति बदली हुई नजर आ रही है.
विधायक ने 1987 के पहले बैच से लेकर वर्तमान समय तक की कहानी सुनाई. इस दौरान सतीश दास ने बच्चों को पढ़ाई,सामाजिक मुद्दों के लेकर किए गए आन्दोलन और विधायक बनने की कहानी भी सुनाई.विधायक सतीश दास ने कहा कि सरकार से विधायक कोटे में तीन करोड़ रुपए राशि विकास करने के लिए दिया जाता है और उस राशि से अपने विधानसभा क्षेत्र के सभी पंचायतों में बी0आर0 अंबेडकर पुस्तकालय 15 लाख की लागत से खुलवाने का काम किया है ।उन्होंने कहा कि भारत को विश्व गुरु तभी बनाया जा सकता है जब हर वर्ग के बेटा एक शिक्षा नीति के तहत वह एक तरह के स्कूल में पढंगा, क्योंकि आज भी जो बच्चे फेल हो जाते हैं या नवोदय में चयन नहीं होते हैं .वे बाहर के दूसरे स्कूलों में पढ़ते हैं, लेकिन उनके पास भी टैलेंटेड होता है.
जाति व्यवस्था के दुष्परिणाम की चर्चा करते हुए सतीश दास ने कहा कि आज भी बच्चों से नामांकन के समय उसकी जाति पूछी जाती है और कई शिक्षण संस्थानों में जाति पूछ कर नामांकन नहीं ली जाती है वहीं कई स्कूलों में जाति के आधार पर भेदभाव भी होता है.इस तरह का भेदभाव जब तक खत्म नहीं हो जाती हैं,तबतक अच्छे समाज का निर्माण संभव नहीं हो सकता है.