मौत को मात देकर घर लौटा बिहारी : भोजपुर में सबाह का जोरदार स्वागत, खुशी में निकले घरवालों के आंसू

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maut ko mat dekar ghar lauta bihari, bhojpur me sabah ka jordar swagat maut ko mat dekar ghar lauta bihari, bhojpur me sabah ka jordar swagat

आरा : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा सुरंग में 41 सभी श्रमिकों को सकुशल 17 दिनों के बाद निकाल लिया गया। उसके बाद सभी श्रमिक अपने अपने घर भेज दिया गया है। जिसमें बिहार के भोजपुर जिला अंतर्गत सहार थाना क्षेत्र के पेऊर गांव निवासी सबाह अहमद भी है। वहीं घर पहुंचते ही परिजनों ने अपने चहेते का जोरदार स्वागत किया।


बताया जा रहा है कि शुक्रवार को उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा सुरंग में फंसा सबाह अपने घर पहुंचा। बेसब्री से इंतजार कर रहे परिजनों ने सबाह का जोरदार स्वागत किया। सबाह अहमद लगभग 20 दिनों के बाद अपने गांव पहुंचे है। जहां सबाह अपने परिजनों से मिले। वहीं शुक्रवार को जैसे ही सबाह अहमद अपने गांव पहुंचे तो वहां पहले से ही मौजूद बधाई देने वालों का हुजूम जुटा रहा। सभी ने फूल और माला पहनाकर सबाह का स्वागत किया गया। घर से करीब 100 मीटर तक सबाह का लोगों ने स्वागत किया। सभी गले मिले और भारत माता की जयकारा लगाकर उन्हें घर की ओर ले गए।

वहीं घर के दरवाजे पर ही सबाह अहमद की पत्नी सबीहा खातून हाथ में स्वागत थाली और मिठाई लेकर सबाह का इंतजार कर रही थी। जिन्होंने मिठाई और माला खिलाकर खुशी अफजाई किया। वहीं घर वापस लौटने के बाद सबाह अहमद ने बताया कि जब 12 नवंबर की सुबह टनल में फस जाने की सूचना मिली तो, सभी चिंतित हो गए। लेकिन एक सुपरवाइजर होने के नाते सभी का ख्याल रखना जरूरी था। हालांकि बिहार के केवल पांच ही श्रमिक थे। लेकिन सबका ख्याल रखना था।

सबाह ने बताया कि टनल के गिरने के बाद हमलोग छह दिनों तक केवल मूढ़ी खाते रहे और फिर हमलोग को सातवें दिन खाना मिल पाया। टनल में फसने पर घर के लोगों की भी याद आती थी। लेकिन जब हमारी पहली बार बात हुई थी तो घर वालों को भी लगा की चलों कम से कम सभी ठीक है। घर वालों से फिर हमारी बात हुई। सबाह अहमद ने बताया कि उत्तराखंड सरकार और केंद्र की सरकार ने हमारा बहुत ख्याल रखा। वहां के मुख्यमंत्री हमलोग से लगातार हाल चाल पूछ रहे थे। भारत के प्रधानमंत्री से भी हमारी बात हुई। शुक्रवार को सबाह अहमद के घर आने की खुशी में सबाह के पूरे परिवार सबाह के पिता मिसबाह अहमद समेत सभी के आंखों में खुशी के आंसू निकलने लगे। सबाह अपने पिता से मिले और पिता से मिलने के बाद दोनों की आंखें नम हो गई और दोनों ही एक दूसरे को गला लगाकर भावुक हो गए।

इसी बीच सबाह अहमद का बेटा मुकर्रम ने भी अपने पिता को माला पहनाकर स्वागत किया। उसके बाद सबाह अहमद अपनी पत्नी और माता से मिले घर में सभी की आंखें नम थी। फिर परिवार की महिलाओं ने सबाह अहमद के सकुशल घर लौट आने पर बेटा का सहाना गीत गया। सभी को मिठाइयां खिलाई और खुशी मनाया। वहीं सबाह अहमद ने कहा कि अगर बिहार सरकार यहां बिहार में ही रोजगार देता तो हमलोग और ऐसे कई श्रमिक बिहार से बाहर नहीं जाते। लेकिन बिहार में कोई रोजगार नहीं है। वहीं सबाह अहमद से पूछा गया कि अगर फिर से टनल में काम करने जाना हो तो जायेंगे या नहीं तो इसपर सबाह अहमद ने कहा कि अभी डेढ़ महीना छुट्टी पर है। अभी रेस्ट करेंगे। बाद में सोचा जायेगा। फिलहाल कुछ कह नहीं सकते है।