महानवमी के अवसर पर भक्तों में उत्साह : आज के दिन कन्या पूजन का है विशेष महत्व

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MAHANAVMI KO LEKAR BHAKTO ME UTSAH MAHANAVMI KO LEKAR BHAKTO ME UTSAH

PATNA:-आज नवरात्रि की अंतिम तिथि महानवमी है।नवरात्रइ के 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूप की अराधना होती है।महानवमी को मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा होती है।इस साल यह नवरात्रि 8 दिनों की है।महानवमी के अवसर पर आज सुबह से ही विभिन्न मंदिर एवं पूजा पंडाल में भक्तों की भीड़ जुट रही है।

मां के सिद्धिदात्री स्वरूप की महत्ता

नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है।मां सिद्धिदात्री महालक्ष्मी के समान कमल पर विराजमान हैं। उनकेे चार हाथ हैं। मां ने हाथों में शंख, गदा, कमल का फूल और च्रक धारण किया है। मां सिद्धिदात्री को माता सरस्वती का रूप भी मानते हैं। उनकी पूजा एवं अराधना से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती है और भक्तों को उन्हें यश, बल और धन भी प्रदान करती हैं। शास्त्रों में मां सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी माना जाता है।मां सिद्धिदात्री स्वरूप के पूजा के विशेष मंत्री भी है-

सिद्धगन्‍धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि,
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी

कन्या पूजन का विशेष महत्व

कुंवारी कन्या को मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है।यही वजह है कि अष्टमी औरनवमीं को कन्या को भोजन कराने की परम्परा रही है।नवरात्रि में 9 दिनों तक फल और जल के सहारे विशेष अराधना करने वाले भक्त नवमी को कुंवारी कन्याओं को भोजन कराते हैं और उसके बाद खुद अन्न ग्रहण करते हैं।कन्या पूजन की यह परम्परा हमारे समाज मे बेटी की महत्ता को दर्शाता है।

भक्तों में उत्साह

पिछले साल कोरोना संक्रमण की वजह से दुर्गापूजा मेला का आयोजन नहीं हो पाया था पर इस साल सरकार कुछ गाइडलाइन के साथ दुर्गापूजा समारोह मनाने की अनुमति दी है।इस दौरान आम भक्तों के साथ ही वीआईपी में भी काफी उत्साह देखा जा रहा है।बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने महाअष्टमी के अवसर पर पटना के कई शीतला एवं पटनदेवी मंदिर समेत कई अन्य मंदिर एवं पूजा पंडालों का भ्रमण किया और विशेष अराधना कर राज्य के विकास की कामना की।उधर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने भी रांची के कई पूजा पंडाल का भ्रमण कर मां दुर्गा की पूजा की।


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