मधुस्थली विद्यापीठ में अग्निशमन मॉक ड्रिल : आग से डरें नहीं, जागरुक बनें– अग्निशमन टीम ने बच्चों को सिखाया सुरक्षा का मंत्र
मधुपुर : शहर के सलैया स्थित मधुस्थली विद्यापीठ प्रांगण में शुक्रवार को विशेष अग्निशमन मॉकड्रिल का आयोजन किया गया. इस मौके पर स्कूल के छात्र-छात्राओं को आग से बचाव के प्रति जागरूक किया गया.
झारखंड फायर सर्विस की टीम ने स्कूली बच्चों को न केवल आग से निपटने के उपाय बताए बल्कि वास्तविक आपात स्थिति का भी अभ्यास करवाया.
अग्निशमन पदाधिकारी कोलेश्वर पासवान ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि "आग लगने की स्थिति में सबसे पहली चीज़ होती है—संयम और समझदारी." उन्होंने बताया कि यदि आग फैल जाए तो बच्चे घबराएं नहीं,बल्कि सतर्क रहकर मिट्टी,बालू या अग्निशमन यंत्र का प्रयोग करें. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि हर विद्यालय में अग्नि नियंत्रण यंत्र अनिवार्य रूप से होना चाहिए.
कार्यक्रम के दौरान फायर सेफ्टी उपकरणों के उपयोग की विधि मॉकड्रिल के ज़रिए समझाया गया. इससे बच्चों में आत्मविश्वास और जागरूकता दोनों का संचार हुआ.
विद्यालय के प्राचार्य बितान विश्वास ने कहा,कि "इस तरह के अभ्यास से बच्चों को न केवल सैद्धांतिक बल्कि व्यावहारिक ज्ञान भी मिलता है. ये अनुभव आपदा की घड़ी में अमूल्य साबित होते हैं."
शिक्षा पदाधिकारी जनार्दन घोष ने भावुक शब्दों में कहा कि "अग्नि हमारे लिए पूज्य भी हैं और संकट की घड़ी में सबसे विकराल रूप भी. ऐसे में उससे निपटना सीखना समय की मांग है."
MITTकी प्रचार्या जॉली सिन्हा ने इस पहल को सराहते हुए कहा कि "झारखंड फायर सर्विस और आपदा प्रबंधन विभाग का यह अभियान बच्चों के भविष्य की सुरक्षा को मजबूत बना रहा है. मधुस्थली जैसे संस्थानों में इसका आयोजन होना गौरव की बात है."
एडमिनिस्ट्रेटर अतानु दास ने कहा कि विद्यालय हमेशा से इस तरह के ज्ञानवर्धक और जीवनोपयोगी कार्यक्रमों का आयोजन करता रहा है. उन्होंने सभी छात्रों व शिक्षकों से ऐसे अवसरों का लाभ उठाने की अपील की. कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के दर्जनों शिक्षकों और सैकड़ों बच्चों ने मॉकड्रिल में भाग लिया और एक स्वर में कहा —अब हम तैयार हैं, खतरे से लड़ने को, जीवन को सुरक्षित रखने को."