लोकतंत्र में भीड़तंत्र क्यों ! : आपत्तिजनक हालत में पकड़े जाने पर, प्रेमी जोड़े की हुई धुनाई
मुजफ्फरपुर : इस तस्वीर को देखिये कैसे भीड़ अपना इंसाफ करने पर आमादा है। दरअसल इस तरीके की तस्वीर से ये साफ़ झलक रहा है कि किसी भी मामले की पूरी जांच से पहले ही लोग फैसला ऑन द स्पॉट के लिए तैयार हो जाते है। दरअसल मुजफ्फरपुर जिले के औराई थाना क्षेत्र के चंडिया गांव में प्रेम-प्रसंग का आरोप लगाकर महिला और एक युवक को पोल से बांधकर पीटा गया। दोनों का हाथ रस्सी से बांध दिया और सैंकड़ों डंडे बरसाए गए।
काफी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ दोनों पर टूट पड़ी। देखिये किस तरह इस भीड़ में जिसे मौका मिल रहा है अपना हाथ साफ कर चलता बन रहा है। हालांकि स्थानीय कुछ लोगों के प्रयास से दोनों की जान बच सकी। ग्रामीणों का आरोप था की महिला का सिनोद साह से चक्कर चल रहा है। वह रात को उससे मिलने दवा दुकान पर गई थी। इसी दौरान लोगों को इसकी भनक लगी। ग्रामीणों की भीड़ ने धावा बोल दिया। दोनों को अपत्तिजनक हालत में पकड़े जाने के बाद भीड़ का आक्रोश फूट पड़ा।
भीड़ ने इन दोनों को दोनों को दुकान में ही बाहर से बंद कर दिया गया। इसके बाद शोर और हंगामा शुरू हो गया। देखते-देखते सैंकड़ों की संख्या में भीड़ जुट गई। महिला अंदर से चीखती रही। लेकिन, जब गांव से सभी लोग आ गए। तब दोनों को बाहर निकाला गया। इसके बाद रस्सी से हाथ बांधकर पोल से बांध कर जमकर पिटाई की। इस संबंध में पीड़िता ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है।वही डीएसपी पूर्वी मनोज पांडेय ने कहा कि कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ कड़ी कारवाई की जाएगी।
मामला प्रेम प्रसंग का बताया जा रहा है पुलिस भी आरोपियों पर कड़ी करवाई की बात कह रही है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर समाज के इन तथाकथित ठेकेदारों को एक महिला को इस तरह सरेआम पोल में बांध कर तालिबानी सजा देने का अधिकार किसने दिया। अगर यू ही लोकतंत्र में भीड़तंत्र हावी होता रहा तो लोकतान्त्रिक मूल्यों को ऐसे ही तार तार किया जाता रहेगा और तमाशबीन तमाशा देखते रहेंगे।
अमित सिंह की रिपोर्ट