चर्चा में केके पाठक का ट्रांसफर : के के पाठक के तबादले पर नेताओं ने क्या प्रतिक्रिया दी ?
पटना :बिहार सरकार ने गुरुवार को एक साथ दर्जन भर अधिकारियों का तबादला कर दिया है. जिनमें सबसे अधिक चर्चा केके पाठक की हो रही है. उनका भी अब विभाग बदल दिया गया है. के के पाठक इन दिनों लंबी छुट्टी पर हैं. इस बीच सरकार ने के के पाठक का तबादला कर दिया. शिक्षा विभाग से हटाकर उन्हें अब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है. केके पाठक के तबादले की चर्चा हर ओर है. सोशल मीडिया से लेकर आम लोग और नेता भी इसकी चर्चा कर रहे हैं. यूं तो सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दिख रही है. कोई खुश है तो कोई इस खबर से निराश. बात करें नेताओं की तो.. करीब-करीब सभी दलों के नेताओं की एक जैसी केके पाठक के खिलाफ प्रतिक्रिया रही.
केके पाठक का इलाज हो गया- भाई वीरेन्द्र
केके पाठक के तबादले पर राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि केके पाठक का इलाज हो गया. साथ ही कहा कि समाज में शिक्षकों की इज्जत होती है, उन्हें शिक्षक बुरे नज़र आ रहे थे. अब भूमि सुधार विभाग में भूमि सुधार करते रहें। लोजपा रामविलास के सांसद राजेश वर्मा पटना पहुंचे तो पत्रकारों ने केके पाठक को लेकर सवाल किया. जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि अधिकारियों का तबादला सरकार की प्रक्रिया है. तबादला मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है.
आदमी कितना भी अच्चा काम करे मानवता जरूरी- जीवन कुमार
केके पाठक के तबादले पर बीजेपी एमएलसी जीवन कुमार ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि आदमी कितना भी अच्छा काम करें लेकिन अगर उन्हें मानवता नाम की कमी रहे तो पब्लिक उनको पसंद नहीं करती है. महिला शिक्षकों को गर्मी की छुट्टी में काफी परेशानी हुई. कई जगह से इस तरह की सूचनाओं मिली संवेदनशीलता नहीं दिखा रहे थे. जिस तरह से हिंदू की छुट्टियों में कटौती कर रहे थे, इससे लोगों में आक्रोश था. हम जनता के प्रतिनिधि हैं. कभी भी गुणवत्ता से समझौता नहीं करना चाहते हैं. हम हमेशा चाहते हैं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले कोई कंप्रोमाइज नहीं हो. जीवन कुमार ने कहा कि जब आप मानवता के प्रति कमजोर पड़ जाते हैं, ऐसी स्थिति में जाना ही था. वहीं के के पाठक पर घोटाले के आरोप पर कहा की इस तरह की बातें सुनने को मिली थी लेकिन यह देखने का विषय है. देखने के बाद ही इस पर बातें की जा सकती है.
कड़े फैसलों के लिए मशहूर हैं केके पाठक
केके पाठक ने जून 2023 में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) के रूप में पदभार संभाला था. वो शिक्षा विभाग में अपने फैसलों को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहते थे. शिक्षा विभाग को लेकर उनके काम करने के तरीके पर कई बार सवाल खड़े हुए थे. कुछ महीनों पहले स्कूलों में टाइमिंग को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और के के पाठक के बीच में तालमेल की कमी की खबरें आई थीं. विवाद खड़ा हुआ था कि केके पाठक मुख्यमंत्री की भी बात नहीं सुनते हैं. अपने कार्यकाल में केके पाठक ने विभाग में कई बड़े बदलाव किए थे। उन्होंने सरकार स्कूलों में छात्रों और शिक्षकों दोनों के ही अटेंडेंस, शिक्षा की गुणवत्ता समेत कई अनुशासन को सख्ती से लागू करवाया। वह लगातार स्कूलों का निरीक्षण करते रहते थे.
गर्मी में स्कूलों को खोलने पर हुआ था विवाद
हाल ही में बिहार में भीषण लू के बीच स्कूलों को चालू रखने के फैसले से केके पाठक फिर से विवादों में आ गए थे। भीषण गर्मी के कारण स्कूलों में कई बच्चे बेहोश हो गए थे। इस कारण तेजस्वी यादव, चिराग पासवान समेत विभिन्न नेताओं ने नाराजगी जाहिर की थी। बिहार के राज्यपाल ने भी इस मामले का संज्ञान लिया था। इसके बाद सीएम नीतीश कुमार के मुख्य सचिव ने स्कूलों को बंद करने के निर्देश दिए थे।