चारा के चक्रव्यूह में लालू की 'जेल' यात्रा : कभी कहते थे- मेरे लिए गुरुदारा है जेल, अब एक नहीं बार-बार जाना पड़ रहा है जेल

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7 साल पहले का ये लालू का बयान है। जब लालू बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान लोगों को बताते थे कि जेल उनके लिए गुरुदारा है और सभी को एक बार जेल जरूर जाना चाहिए। लेकिन लालू ने कभी ये उम्मीद नहीं की होगी कि वो जिस जेल को गुरुदारा मानते हैं, उसी जेल में उन्हें चारा घोटाला मामले में एक नहीं बार-बार जाना पड़ेगा और हर बार उन्हें बेल की राह ताकनी होगी।

चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार मामले में लालू को 5 साल की सज़ा सुनाई गई है। 5 साल की सज़ा के साथ 60 लाख जुर्माना भी देना होगा।CBI की स्पेशल कोर्ट ने लालू को सज़ा सुनाई है। इस मामले में डोरंडा कोषागार से 139.5 करोड़ की अवैध निकासी हुई थी। 1990 से 95 के बीच लालू के मुख्यमंत्री रहते ये घोटाला हुआ था। जानकारों के मुताबिक 5 साल की सज़ा मिलने के बाद कम से कम ढ़ाई साल की सज़ा काटनी होगी, तब बेल मिल सकती है। वहीं लालू के वकील ने ऊपरी अदालत में अपील की बात कही है।

चारा घोटाला मामले में लालू आठवीं बार जेल जाएंगे, हालांकि अस्वस्थ होने के कारण लालू को रिम्स में ही रखा गया है। लालू यादव चारा घोटाले के मामलों में अब तक कुल सात बार जेल जा चुके हैं। चाईबासा ट्रेजरी से अवैध निकासी के मामले में 3 अक्टूबर 2013 को पहली बार सज़ा मिलने के बाद से वो तीन साल से अधिक वक्त जेल में गुज़ार चुके हैं। हालाँकि इसमें से सिर्फ़ 8 महीने उन्होंने राँची की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में गुज़ारा है। बाक़ी वक्त न्यायिक हिरासत में ही वे इलाज के लिए राँची, दिल्ली और मुंबई के अस्पतालों में भर्ती रहे। जान लीजिए लालू को कब कितनी सज़ा मिली। 3 अक्टूबर 2013 को चाईबासा ट्रेजरी से 37.7 करोड़ की अवैध निकासी मामले में पहली सज़ा हुई। 5 साल की सज़ा और 25 लाख के जुर्माने की सज़ा सुनाई गई। दो महीने रांची के बिरसा मुंडा जेल में रहे। 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी।6 जनवरी 2018 को देवघर ट्रेजरी से 89.27 लाख की अवैध निकासी मामले में साढ़े तीन साल की क़ैद की दूसरी सज़ा सुनायी गयी थी। 23 जनवरी 2018 को चाईबासा ट्रेजरी से 33.67 करोड़ की अवैध निकासी मामले में 5 साल कैद और 10 लाख जुर्माने की तीसरी सज़ा हुई। 15 मार्च 2018 को दुमका ट्रेजरी से 3.13 करोड़ की अवैध निकासी मामले में सात-सात साल की अलग-अलग क़ैद की सज़ा सुनाई। उन पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। 21 फ़रवरी 2022 को डोरंडा कोषागार से 139.5 करोड़ की अवैध निकासी मामले में पाँचवी सज़ा हुई। 5 साल की सज़ा और 60 लाख के जुर्माने की सज़ा सुनाई गई। चारा घोटाला मामले में अब लालू के ख़िलाफ़ सिर्फ़ बांका भागलपुर कोषागार का मामला लंबित है,जिसकी सुनवाई बिहार की राजधानी पटना की सीबीआई कोर्ट में चल रही है। जिसमें 25 फरवरी को लालू को पेश होना है।

मतलब कभी जेल को गुरुदारा बताने वाले लालू चारा घोटाले की फांस में ऐसे फंसे की अब जेल से उनका पीछा छूटने को तैयार नहीं।


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