झारखंड के CEO के रवि कुमार पहुंचे बूढ़ा पहाड़ : आजादी के बाद पहली बार बूढ़ा पहाड़ पर वोटिंग को लेकर की समीक्षा
गढ़वा : जिले का बुढ़ा पहाड़ एक बार फिर नया कीर्तिमान रचने को तैयार है. क्योंकि आजादी के बाद पहली बार इस बुढ़ा पहाड़ पर रहने वाले आदिम जनजाति के लोग लोकतंत्र के महापर्व का हिस्सा होंगे.
आगामी लोकसभा चुनाव में गढ़वा के बुढ़ा पहाड़ पर पहली बार मतदान होगा. चुनाव आयोग ने इसकी खास तैयारी की है. झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार शुक्रवार को अपने 8 सदस्यीय टीम के साथ मोटरसाइकिल से बुढ़ा पहाड़ के हेसातु गांव में स्थित एक बूथ पर पहुंचे. मुख्य चुनाव पदाधिकारी के रवि कुमार के साथ नोडल पदाधिकारी अमोल होमकर, आईजी राकेश अग्रवाल भी हैं.. लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर किस तरह अधिकारी सजग हैं, इसका उदाहरण गढ़वा में देखने को मिला है. यहां चुनाव आयोग की टीम कभी घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र रहा बुढ़ा पहाड़ का दौरा किया.
यहां आजादी के बाद पहली बार मतदान होना है. इसलिए आयोग ने भी कमर कस ली है. लिहाजा चुनाव आयोग यहां पहुंच कर तैयारियों का जाएजा लिया और मतदान शंतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हो इसकी तैयारी की समीक्षा भी अधिकारियों के साथ किया. वहीं मतदान को लेकर यहां के स्थानीय लोगों से बात भी की.
बुढ़ा पहाड़ के मतदाताओं ने बताया कि पहली बार हम लोकसभा चुनाव में वोट करेंगे. अधिकारी आकर हमलोगों को वोट के प्रति जागरूक किए हैं. पहले वोट नहीं कर पाते थे, क्योंकि नक्सल था आज हम भयमुक्त वातावरण में वोट डालेंगे. मतदाताओं ने कहा कि अधिकारी हमारे बीच आये हैं . इससे बड़ी अच्छी बात और क्या हो सकती है.
वहीं मुखिया ने कहा कि अब बुढ़ा पहाड़ जैसे इलाकों में ज़ब से पुलिस का कैम्प लगा है, विकास अब यहां पहुंच रहा है. लोग भयमुक्त होकर कहीं आ रहे हैं. कहीं जा रहे हैं. इस बार यहां के लोग काफ़ी उत्साहित हैं कि उन्हें मतदान के लिए कहीं जाना नहीं पड़ेगा. क्योंकि पहले बहुत दूर जाना पड़ता था. इसलिए लोग वोट करने नहीं जा पाते थे.
हेसातु के विद्यालय प्रांगण में बैठक कर चुनाव की तैयारी का जाएजा लेते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त के रवि कुमार ने कहा कि लोगों को जागरूक किया जा रहा है. तीस वर्ष पहले इन क्षेत्र में मतदान केंद्र बनाए गए थे. बीच में कुछ परिस्थिति ऐसी आई की लोगों को मतदान के लिए दूर जाना पड़ता था. लोग वहां तक नहीं पहुंच पाते थे. ज़ब से सुरक्षा कर्मियों ने इन क्षेत्र में अपना कैम्प बनाया है. तब से लोग भयमुक्त होकर अपनी समस्याओं को प्रशासन तक पहुंचा रहे हैं और उनका निदान भी हो रहा है. अब इन जगहों पर मतदान केंद्र पुनः स्थापित किया जाएगा, ताकि लोग अपना मत का शत प्रतिशत उपयोग कर सके.
वहीं आईजी अमोल होमकर ने कहा कि सुरक्षा बलों ने इन क्षेत्रों में शांति व्यवस्था बनाने में काफ़ी शहादत दी है. उसी का परिणाम है कि इन क्षेत्रों में लोग अमन चैन से रह रहे हैं और विकास पहुंच रही है. इसी का परिणाम है कि इस बार लोग भयमुक्त वातावरण में मतदान करेंगे. वहीं सीआरपीफ आईजी ने कहा कि जिला पुलिस और सीआरपीफ की मेहनत का नतीजा है कि लोग आज भयमुक्त वातावरण में रह रहे हैं. इसका परिणाम यह है कि बुढ़ा पहाड़ जैसे इलाके में जहाँ पुलिस सुरक्षा प्रदान कर रही है, वहीं बच्चों को स्कूल खोलकर कर शिक्षा देने का भी काम कर रही है.