झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा : INDIA गठबंधन द्वारा जो जिम्मेवारी हेमंत सोरेन को मिली, वे इसका सफलतापूर्वक करेंगे निर्वहन
रांची : झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्ता की. सुप्रियो भट्टाचार्य ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि शुक्रवार को इंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक संपन्न हुई. हमारी पार्टी की ओर से झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राष्ट्रीय स्तर पर कार्यकारिणी समिति का सदस्य चुना गया है. उन्होंने कहा इंडिया गठबंधन में शामिल सभी 27 राजनीतिक दलों को धन्यवाद देता हूं.
झामुमो नेता सुप्रियो ने कहा इस देश के 11 करोड़ से ज्यादा आदिवासी जन समुदाय का प्रतिनिधित्व करने की जिम्मेवारी दी गयी है. कश्मीर से कन्याकुमारी तक फैली पार्टी एक साथ आए हैं. हमें पूर्ण विश्वास है कि जो जिम्मेवारी हेमंत सोरेन को मिली है वे इसका सफलतापूर्वक निर्वहन कर सकेंगे. गुरु जी शिबू सोरेन से मेहनत करना हमारी पार्टी ने सीखा है. कश्मीर से कन्याकुमारी तक फैली पार्टी को जो जिम्मेवारी मिली है उसका सफ़लतापूर्वक निर्वहन वे कर पायेंगे. शिक्षा दीक्षा हमलोगों ने गुरुजी से सीखा है. तीसरी बैठक जैसे शुरू हुआ वैसे ही संसद का विशेष सत्र बुलाया गया. यह डर बीजेपी को साफ़ साफ़ दिख रहा है. विशेष सत्र बहुत विशेष परिस्थिति में ही बुलाया जाता है और विपक्ष के साथ बता कर किया जाता है. पहली बार सूचना संसदीय कार्य मंत्री के ट्विटर से आता है. इससे समझा जा सकता है कितनी डरी हुई है सरकार. G20 का समिट होने वाला क्या दिखायेंगे. ये लोग देश के लोकतांत्रिक व्यवस्था कमजोर हो रहा है. ट्वीट्रर से चलेगा जब चौथा और पांचवा बैठक शुरू होगा तो यह लोग रन क्षेत्र छोड़ कर कहाँ भाग जायेंगे. पता नहीं.
उन्होंने मणिपुर को लेकर कहा कि इस पर विशेष सत्र नहीं बुलाया. कई उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि देश को बताना चाहिए पांच दिन किस लिये बैठेंगे. दो महीने के बाद शीतक़ालीन सत्र होगा. इससे पहले डरे हुए ये लोग जब देश की जानता जाग चुकी है. जरा जरा गूंज रहा है. परिवर्तन के नारों से बीजेपी को बताना होगा. यह पांच दिन का सत्र किस लिये हो रहा है. लोग तैयारी करके आयेंगे. इंडिया घटक में शामिल राजनीतिक घटक के शामिल सभी का स्वागत करते हैं. झारखंड में विशेष सत्र. विपक्ष सूचना देकर बुलाया गया है. बीजेपी अब लूट फ़रेबी की पार्टी बन कर रह गई है.