जाको राखे साइयाँ मार सके ना कोय... : नवजात को मिला मां का आंचल, कचरे के ढ़ेर से हुआ बरामद

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jako rakhe saiyaan mar sake na koi jako rakhe saiyaan mar sake na koi

छपरा : जाको राखे साइयाँ मार सके ना कोय यह कहावत बिहार के छपरा इलाके में एकबार फिर चरितार्थ होती नजर आई है। दरअसल इलाके में एक नवजात को जन्म लेने के साथ ही मरने के लिए फेंक दिया गया लेकिन तभी उसकी रोने की आवाज सुनकर एक राहगीर की नजर उस पर पड़ी और नवजात को मां का आँचल मिल गया।

मामला छपरा जिले के परसा थाना इलाके का है जहां कचरे ढ़ेर में नवजात बच्चा मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया। वहीँ बच्चे की रोने की आवाज सुन जब एक राहगीर (ललन राम) कचरे के पास पहुंचा तो हैरान रह गया। फ़ौरन ही उस बच्चे को गोद में उठाकर अपने घर ले आया। जहां उसकी पत्नी ने बच्चे को नहला धुलाकर साफ़ कपड़े पहनाए और भूख से बिलखते बच्चे को दूध पिलाया। नवजात को देखने के लिए मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जुटी हुई है और उनके बीच ललन राम की पत्नी बच्चे को गोद मे लिए मुस्कुरा रही है।

वहीँ ललन राम की माने तो सुबह नित्य क्रिया के लिए नहर की तरफ गए थे जहाँ बच्चे के रोने की आवाज़ सुनकर जब नहर में उतरे तो कचरे के ढेर में पड़े बच्चे पर नजर पड़ी जिसे उठाकर वह अपने घर ले आये हैं । नवजात के मिलने की सूचना परसा थाना पुलिस को दे दी गई है।


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