Jharkhand News : IIT (ISM) धनबाद ने मनाया ऐतिहासिक 100वां स्थापना दिवस, गौतम अडानी रहे मुख्य अतिथि
धनबाद:-9दिसंबर2025 IIT (ISM) धनबाद ने आज अपने गौरवशाली इतिहास का एक अहम पड़ाव छू लिया। संस्थान ने100वां स्थापना दिवस मनाते हुए उस सौ साल की यात्रा को याद किया ।जिसने देश को इंजीनियरिंग, अर्थ साइंसेज, ऊर्जा शोध, तकनीकी नवाचार और राष्ट्रीय विकास के क्षेत्र में नई दिशा दी। पेनमैन ऑडिटोरियम में आयोजित भव्य समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी मौजूद रहे। यह कार्यक्रम3से9दिसंबर तक चले सेंचुरी फाउंडेशन वीक का शानदार समापन भी रहा। जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने किया था। सप्ताह भर चली गतिविधियों—सिम्पोजियम, प्रदर्शनी, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, एलुमनाई संवाद और सामुदायिक कार्यक्रमों ने संस्थान की समृद्ध विरासत और भविष्य की दृष्टि को उजागर किया। कार्यक्रम की शुरुआत औपचारिक स्वागत, पुष्पगुच्छ, दीप प्रज्ज्वलन और मंगलाचरण से हुई। जिसका संचालन कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस की डीन प्रो. रजनी सिंह ने किया।
गौतम अडानी का विज़नरी संबोधन ऊर्जा संसाधन और भारत की विकास कथा पर फोकस अपने स्थापना दिवस संबोधन में गौतम अडानी ने कहा कि वर्तमान वैश्विक परिस्थितियाँ पहले से अधिक जटिल और विभाजित हैं ऐसे में भारत को अपना विकास मॉडल स्वयं तय करना होगा। उन्होंने कहा कि21वीं सदी में किसी भी देश की वास्तविक संप्रभुता उसके प्राकृतिक संसाधनों और ऊर्जा प्रणालियों पर उसकी पकड़ से तय होगी। संस्थान की स्थापना को याद करते हुए उन्होंने कहा किIIT (ISM) एक दूरदर्शी राष्ट्रीय सोच से जन्मा संस्थान है।इस समझ के साथ कि धरती के अंदर छिपी ताकत को जाने बिना कोई देश प्रगति नहीं कर सकता

अपने स्थापना दिवस संबोधन में गौतम अडानी ने कहा कि वर्तमान वैश्विक परिस्थितियाँ पहले से अधिक जटिल और विभाजित हैं ऐसे में भारत को अपना विकास मॉडल स्वयं तय करना होगा। उन्होंने कहा कि21वीं सदी में किसी भी देश की वास्तविक संप्रभुता के प्राकृतिक संसाधनों और ऊर्जा प्रणालियों पर उसकी पकड़ से तय होगी। संस्थान की स्थापना को याद करते हुए उन्होंने कहा किIIT (ISM) एक दूरदर्शी राष्ट्रीय सोच का परिणाम है।इस समझ के साथ की धरती के अंदर छिपी ताकत को जाने बिना कोई देश प्रगति नहीं कर सकता ।
उन्होंने कहा, “पैरों के नीचे की संपदा को समझो और उस ऊर्जा को साधो जो भारत की प्रगति को गति देती है।यही आर्थिक स्वतंत्रता के दो असली स्तंभ हैं।” अडानी ने “नैरेटिव कॉलोनाइज़ेशन” पर चेतावनी देते हुए कहा कि जिन देशों ने दशकों तक कार्बन उत्सर्जन किया। वहीं आज विकासशील देशों का विकास तय करने की कोशिश कर रहे हैं। “अगर हम अपनी कहानी खुद नहीं लिखेंगे तो हमारी तरक्की को अपराध की तरह पेश कर दिया जाएगा,” उन्होंने कहा।
उन्होंने भारत की उपलब्धि50%से अधिक नॉन-फॉसिल इंस्टॉल्ड कैपेसिटी को बड़ी सफलता बताते हुए अडानी ग्रुप की परियोजनाओं का उल्लेख किया। जिनमें कार्माइकल माइन और खवडा ग्रीन एनर्जी पार्क शामिल हैं।
अडानी ने50वार्षिक पेड इंटर्नशिप और प्री-प्लेसमेंट ऑफर की घोषणा की। साथ हीTEXMIN के सहयोग सेAdani 3S Mining Excellence Centre की स्थापना भी घोषित की। उन्होंने इस दौर को भारत का “दूसरा स्वतंत्रता संग्राम” बताते हुए कहा कि यह संघर्ष संसाधनों और आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए है। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे निर्भीक सपने देखें और निरंतर कर्म करते रहें क्योंकि आने वाले भारत की क्षमताएँ उनके हाथों में हैं।

संस्थान की सौ वर्षीय यात्रा चेयरमैन, निदेशक और प्रबंधन के विचार बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन प्रो. प्रेम व्रत ने कहा कि1926में बोए गए एक दूरदर्शी बीज ने आज सौ साल बाद एक विशाल और प्रभावी संस्थान का रूप ले लिया है। उन्होंने कहा किIIT (ISM) का सफर एक खास खनन स्कूल से एक वैश्विक, बहुविषयक संस्थान तक पहुंचने की प्रेरणादायक कहानी है।
निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने स्थापना दिवस को एक भावनात्मक और ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा किIIT (ISM) की यात्रा भारत की वैज्ञानिक चेतना का प्रतिबिंब है। उन्होंने ऊर्जा प्रणाली, AI, स्थिरता और सामाजिक शोध के क्षेत्र में संस्थान के बढ़ते कदमों पर प्रकाश डाला और कहा कि अगले सौ वर्षों मेंIIT (ISM) देश के नवाचार और विकास में और महत्वपूर्ण योगदान करेगा।
फिल्म, सम्मान, उद्घाटन और धन्यवाद प्रस्ताव
कार्यक्रम मेंIIT (ISM) की100 वर्षीय यात्रा पर आधारित एक विशेष फिल्म प्रदर्शित की गई। इसके बाद अकादमिक उपलब्धियों, शोध कार्य, नवाचार और संस्थागत योगदान के लिए चयनित प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि नेTEXMIN भवन मेंAdani Centre of Excellence का विधिवत उद्घाटन किया और अधिकारियों, शिक्षकों व पूर्व छात्रों से मुलाकात की। कार्यक्रम का समापन डिप्टी डायरेक्टर प्रो. धीरज कुमार के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। जिसमें उन्होंने सभी अतिथियों, पूर्व छात्रों, संकाय सदस्यों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों और साझेदार संस्थानों का आभार व्यक्त किया।





