होमगार्ड जवानों में नाराजगी : गृहरक्षकों ने वन विभाग के विरुद्ध खोला मोर्चा, बकाया मानदेय भुगतान नहीं होने पर दी आंदोलन की चेतावनी

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चतारा : चतरा जिले के वन विभाग में कार्यरत होमगार्ड जवानों को पिछले 17 माह से मानदेय नहीं मिला है. जिसके कारण इनका और इनके परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. कई बार भुगतान के लिए आवेदन भी दे चुके हैं. लेकिन अब तक मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है.

ऐसे में होमगार्ड जवानों ने मजबूर होकर अब वन विभाग के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है. इतना ही नहीं मानदेय भुगतान नहीं होने पर आर-पार की लड़ाई की भी चेतावनी दी है. गृह रक्षकों ने विभाग के पदाधिकारी और उपायुक्त को आवेदन देकर एक बार फिर जल्द भुगतान करने की मांग की है. उन्होंने जल्द मानदेय भुगतान नहीं किए जाने की स्थिति में चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी दी है.

बताते चलें कि वर्ष 2013 से वन विभाग में गृहरक्षकों की प्रतिनियुक्ति कर वनसुरक्षा कार्यो में लगाए गए हैं जो अभी तक कार्यरत हैं. जिन सभी लोगों का मानदेय का भुगतान पिछले फरवरी 2021 तक नियमित रूप से कर दिया गया है. लेकिन पिछले मार्च 2021 से अभी तक अर्थात जुलाई 17 महीनों के मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है. जिसके संबंध में कार्यरत गृहरक्षकों ने वरीय पदाधिकारियों को लिखित रूप से बकाया भुगतान के लिए मांग की जा चुकी है. परंतु अभी तक किसी भी तरह की कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है और नहीं किसी भी प्रकार की कोई सुध ली गयी. आखिर 17 महीनों से लंबित बकाया भुगतान का नहीं होना यह एक यक्ष प्रश्न है. जबकि वन विभाग के मुखिया स्वयं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं फिर 17 महीनों तक का भुगतान का बकाया होना किसकी जवाबदेही है.

फिलहाल कार्यरत लाचार गृहरक्षकों ने एक बार फिर से एक ग्यारह सदस्यीय शिष्टमंडल दुर्गा प्रसाद शर्मा के नेतृत्व में गठित कर उपायुक्त चतरा, वन संरक्षक, वन प्रमंडल पदाधिकारी उतरी तथा दक्षिणी चतरा को मांग पत्र से संबंधित ज्ञापन सौंपकर सप्ताह दिनों के अंदर बकाया भुगतान सुनिश्चित करने की मांग की है. ससमय भुगतान नहीं होने पर गृह रक्षा वाहिनी जिला इकाई चतरा द्वारा चरणबद्ध लोकतांत्रिक तरीके से आन्दोलन की शुरुआत एक अगस्त करने की चेतावनी दी गई जिसकी सभी जिम्मेदारी सरकार व स्थानीय प्रशासन की होगी.


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