FRU को क्रियाशील बनाने पर जोर : जिले में उपलब्ध विशेषज्ञ चिकित्सकों की FRU में हो रही प्रतिनियुक्ति
पटना। राज्य में फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए विभाग कई स्तर पर प्रयास कर रहा है। एफआरयू के प्रदर्शन में सुधार के लिए ब्लड स्टोरेज यूनिट, न्यू बोर्न केयर कार्नर(एनबीसीसी), ऑपरेशन थिएटर, उपकरण एवं दवाओं की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है। साथ ही कर्मियों का क्षमतावर्धन, कार्यक्रम की नियमित समीक्षा, प्रतिवेदित आंकड़ों का विश्लेषण, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन हेतु भी प्रयास जारी है।
इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि एफआरयू की क्रियाशीलता बढ़ाने एवं सेवाओं की गुणवत्ता को सुदृढ़ करने के लिए स्वीकृत मानव बल के विरुद्ध किसी प्रकार की रिक्ति को दूर करने के लिए विभाग ने व्यवस्था की है। इसको लेकर जिले में उपलब्ध विशेषज्ञ चिकित्सकों जैसे स्त्री प्रसूति रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ, एनेस्थिसिया विशेषज्ञ, समान्य सर्जन एवं उच्च प्रशिक्षण प्राप्त चिकित्सकों को एफआरयू में प्रतिनियुक्त करने के लिए विभाग द्वारा प्रक्रिया जारी है। इससे एफआरयू में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को दूर करने में सहूलियत होगी।
मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में 217 सरकारी स्वास्थ्य संस्थान प्रथम रेफरल ईकाई के लिए अधिसूचित है, जिसमें फ़िलहाल राज्य में 71 एफआरयू क्रियाशील हैं। एफआरयू को प्रभावी रूप से संचालित करने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की जरूरत होती है। इसे ध्यान में रखते हुए विभाग जिले में उपलब्ध विशेषज्ञ चिकित्सकों को एफआरयू पर प्रतिनियुक्त कर रहा है। एफआरयू की सुविधा सुदृढ़ होने से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी भी आएगी।