हजारीबाग में पारण परेड का आयोजन : मुख्यमंत्री ने पुलिस पदाधिकारियों को शुभकामना देते हुए कहा, यह राज्य के लिए बेहद खुशी की बात

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हजारीबाग : झारखंड पुलिस अकादमी हजारीबाग में सातवीं से दसवीं बैच के पुलिस उपाधीक्षकों और जिला समादेष्टाओं का दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. पुलिस अकादमी हजारीबाग में 39 डीएसपी और 14 जिला समादेष्टा राज्य सुरक्षा के लिए शपथ लिया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह समेत कई आईपीएस कार्यक्रम में शामिल हुए. सभी अधिकारियों को 15 महीना का बुनियादी प्रशिक्षण दिया गया.


पुलिस उपाधीक्षकों और जिला समादेष्टाओं को प्रशिक्षण में हथियार चलाना,साइबर क्राइम,कानून,मानवाधिकार,कम्यूनिटी पुलिसिंग,भारतीय दंड विधान,दंड प्रक्रिया संहिता समेत अन्य विषयों की जानकारी दी गई.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी पुलिस पदाधिकारी को शुभकामना दिया. उन्होंने कहा कि 40 पदाधिकारी इनमें ग्रामीण परिवेश के हैं. यह राज्य के लिए बेहद खुशी की बात है. ग्रामीण क्षेत्र के नौजवान उच्च सेवाओं के प्रति रुझान इस ओर दिख रहा है. जो आने वाले समय के लिए ग्रामीण नौजवानों के लिए आइकन का काम करेंगे. उन्होंने सभी पुलिस पदाधिकारी जिन्होंने आज पारण परेड में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि आपसे आम जनता को बहुत उम्मीद है. राज्य अत्यंत पिछड़ा है. यहां के लोग सरल हैं. राज्य में गरीब और मजदूर अधिक रहते हैं. वे लोग अपनी परेशानी लेकर आपके सामने आएंगे. उम्मीद किया जा रहा है कि आप राज्य की जनता को नाराज नहीं करेंगे.

वहीं झारखंड पुलिस के मुखिया अजय कुमार सिंह ने प्रशिक्षुकों को संबोधित करते हुए कहा कि 1 साल से अधिक का बुनियादी प्रशिक्षण दिया गया . जब तक आप सेवा में रहेंगे काम सिखते रहेंगे. उन्होंने कहा कि यह पद बेहद महत्वपूर्ण है,जो कड़ी के रूप में काम करता है . बहुत ही विवेकशीलता के साथ सेवा देना होगा. आने वाले दिनों में काम का चुनौती भी दिखेगा . आप ही लोगों में से कई लोगों को साइबर,सीआईडी,स्पेशल ब्रांच में भी सेवा करने का मौका मिलेगा. और ईमानदारी पूर्वक सेवा दीजिए.

पुलिस महानिरीक्षक मनोज कौशिक ने कहा कि झारखंड पुलिस अकाडमी हजारीबाग का एक गौरवपूर्ण इतिहास रहा है . कल 53 प्रशिक्षुकों को 1 साल का बुनियादी प्रशिक्षण दिया गया. 22 इंजीनियर, एक m.tech, 27 ग्रेजुएट, 1 एमएससी ,और दो बीकॉम की पढ़ाई किए हुए हैं .कुछ ऐसे भी जिन्होंने मल्टीनेशनल कंपनी में भी अपनी सेवा दिया है. ऐसे में यह बैच बेहद खास है .उन्होंने बताया कि झारखंड की पृष्ठभूमि के साथ-साथ जंगल वार की भी ट्रेनिंग दी गई है. भोपाल से लेकर जम्मू कश्मीर में भी विशेष ट्रेनिंग दिया गया है. इसके अलावा साइबर, फॉरेंसिक पढ़ाई, सीआरपीएफ एनएसजी में भी विशेष प्रशिक्षण दिया गया है.


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