गया का ऐतिहासिक विष्णुपद मंदिर आज से बंद : मुख्य दरवाजे पर ही पूजा पाठ कर वापस लौट रहे हैं श्रद्धालु

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गया: कोरोना के तीसरे लहर में संक्रमितों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए बिहार सरकार द्वारा नई गाइडलाइन जारी किया गया है। जिसके तहत आज से सूबे के तमाम धार्मिक स्थल बंद कर दिए गए हैं। इसी के तहत गया शहर का ऐतिहासिक विष्णुपद मंदिर को भी बंद कर दिया गया है। हालांकि इस समय श्रद्धालुओं की संख्या ज्यादा होती है। देश के कोने-कोने से सनातन धर्मावलंबी हिंदी कैलेंडर के इस पूष माह में काफी संख्या में गया पहुंचते हैं और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान व तर्पण करते हैं।

वही स्थानीय पुरोहित छोटू बारिक का कहना है कि तीसरे लहर को देखते हुए धार्मिक स्थल बंद करने का जो गाइडलाइन सरकार ने जारी किया है, उसे हम पूरी तरह समर्थन देते हैं। परंतु यहां पर काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। जिन्हें कोरोना गाईड लाईन को फॉलो करते हुए पिंडदान और श्राद्ध कर्म की करने की अनुमति मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि जो तीर्थयात्री अपने घर से निकल चुके हैं उन्हें रास्ते में ना रोका जाए।

मंदिर के बाहर और अन्य स्थलों पर कोरोना गाइडलाइन का अनुसरण करते हुए हमलोग पिंडदान प्रक्रिया संपन्न कराएंगे।उन्होंने कहा कि रात्रि कर्फ्यू लगाने का कोई औचित्य नहीं है, रात्रि में ऐसे भी सड़कों पर सन्नाटा रहता है। वहीं उन्होंने कोरोना गाईड लाइन के अनुसार मंदिर को खुले रखने की मांग की है।

स्थानीय पुरोहित मुन्ना लाल महतो का कहना है कि मंदिर बंद होने से कई लोगों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। वर्तमान समय में 'मिनी पितृपक्ष' चल रहा है। ऐसे में दूर-दूर से श्रद्धालु पिंडदान करने आते हैं। लेकिन मंदिर बंद रहने के कारण तीर्थ यात्रियों का आना बंद हो जाएगा। पिंडदान व पूजन सामग्री एवं इस व्यवसाय से जुड़े अन्य दुकानदार बेरोजगार हो जाएंगे। ऐसे में सरकार को चाहिए कि मंदिर एवं पिंडदान व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए कुछ विशेष व्यवस्था करें। अन्यथा कर्ज लेकर जीवन यापन करना पड़ेगा।


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