लोकमंथन- भाग्यनगर-2024 का भव्य आगाज : हैदराबाद में शुरू हुआ वैश्विक सांस्कृतिक महाकुंभ
HYDERABAD : हैदराबाद के हाईटेक सिटी स्थित शिल्पारामम् में गुरुवार की सुबह भव्य प्रदर्शनी सह सांस्कृतिक कार्यक्रम का उदघाटन पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने किया। इसी के साथ चार दिवसीय वैश्विक सांस्कृतिक महोत्सव का आगाज हो गया। अब लोकमंथन-2024 का विधिवत उदघाटन 22 नवंबर की सुबह दस बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों होना है।
वेंकैया नायडू का संस्कार पर जोर-
वैश्विक प्रदर्शनी सह सांस्कृतिक कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन के बाद बोलते हुए एम. वेंकैया नायडू ने भारत की महान सांस्कृतिक परंपरा और उसके गौरव का गुणगान किया। उन्होंने बड़ी संख्या में उपस्थित स्कूली छात्रों और देशभर से आए युवाओं से संस्कारवान बनने की अपील की। वेंकैया नायडू ने कहा कि संस्कार के बल पर ही संस्कृति की रक्षा हो सकती है। उन्होंने कहा कि कोई भाषा उन्नति के मार्ग पर चलने के लिए बाधा नहीं हो सकती। शीर्ष पर पहुंचने के लिए अंग्रेजी की अनिवार्यता नहीं है। उन्होंने देश की राष्ट्रपति द्रौपदी से लेकर कई लोगों के नाम गिनाये जिनकी मातृभाषा हिंदी भी नहीं है।
समारोह को केन्द्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी और तेलंगाना के पर्यटन और संस्कृति मंत्री जुपाली कृष्णा राव ने भी संबोधित किया। अध्यक्षता प्रज्ञा भारती, तेलंगाना के अध्यक्ष हनुमान चौधरी ने की।
प्रदर्शनी में क्या-क्या है खास-
लोकमंथन-भाग्यनगर के प्रसंग पर प्रज्ञा प्रवाह और प्रज्ञा भारती के बैनर तले आयोजित प्रदर्शनी में संस्कृति की विविधता और कला के विभिन्न रुपों का दर्शन हो रहा है। शिल्पारामम् के मुख्य पंडाल में 400 से अधिक ऐसे पारम्परिक वाद्य यंत्रों को प्रदर्शित किया गया है, जो अब चलन में नहीं हैं या लुप्तप्राय हो चुके हैं। इसके अलावे प्राचीन समय की कला और शिल्प की प्रदर्शनी भी लोगों को लुभा रही है। अलग-अलग प्रदेशों के पैविलियन लगे हैं, जिसमें हस्तशिल्प, परिधान और व्यंजनों को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति-
शिल्पारामम् में शाम के कार्यक्रम में भारत की कलात्मक परंपराओं की विविधता और गहराई को प्रदर्शित करने वाले कार्यक्रम हुए। अवधानी डॉ. मदुगुला नागफनी शर्मा द्वारा अस्टावधानम से शुरू हुआ प्रोग्राम। इसके बाद कलासंकर्षिणी प्रवेश द्वारा श्रीमती एन. रचना का संगीतमय प्रदर्शन हुआ। आर्मेनिया से आए सांस्कृतिक टोली द्वारा संगीत के प्रदर्शन के साथ ही अंतरराष्ट्रीय टच भी आ गया। संस्कार भारती द्वारा 'भारत की बेटी' कार्यक्रम भारतीय समाज में महिलाओं की ताकत और उनके शौर्य को समर्पित था। डॉ. वाई. वेंकटेश्वर राव और मंडली द्वारा जुगलबंदी और विभिन्न शास्त्रीय संगीत का गायन हुए। भजन और कीर्तन के कार्यक्रम का भी प्रतिनिधियों ने आनंद लिया।
रामनामी संप्रदाय बना आकर्षक का केन्द्र-
छत्तीसगढ़ से आई रामनामी संप्रदाय के भक्तों की कीर्तन करती टोली ने सबका ध्यान खींचा। मीडिया प्रभारी राजगोपाल ने बताया कि प्रभुराम के वनवासी जीवन को आदर्श मानकर जीवन जीने वाले ये आदिवासी बंधु केवल राम को ही जपते-गाते हैं। उनके अनोखे परिधान और पूरे शरीर पर राम- राम का गोदना एक अनूठी परंपरा को जीवंत करता है।
संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत रहेंगे तीन दिनों तक-
लोकमंथन के संयोजक जे. नंदगोपाल ने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ पहली बार आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन राव भागवत मंच साझा करेंगे। सुबह लोकमंथन के उदघाटन के मौके पर तेलंगाना के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और केन्द्रीय मंत्री भी उपस्थित रहेंगे। सरसंघचालक जी पूरे तीन दिन तक लोकमंथन के कार्यक्रम में मौजूद रहने वाले हैं।