गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला ! : BJP ने चला अपना ये वाला दांव, RJD ने उतारी पूरी 'फौज'

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GOPALGANJ : गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव में सियासी दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। RJD 17 साल पहले खोई हुई सीट पर कब्जा करना चाहती है। वहीं BJP गोपालगंज की सीट को किसी भी हाल में खोना नहीं चाहती है। प्रत्याशियों के नामांकन खत्म होते ही दोनों दलों के बड़े नेताओं का दौरा गोपालगंज में शुरू हो गया है। गोपालगंज उपचुनाव का क्या है पूरा सियासी समीकरण देखिए इस खास रिपोर्ट में ...

बिहार में उप चुनाव का बिगुल बज चुका है। प्रत्याशियों के नामांकन का सिलसिला भी खत्म हो चुका है।गोपालगंज में कुल 11 प्रत्याशियों ने नामांकन कराया है। गोपालगंज जिला बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का गृह जिला है।इसलिए RJD ने अपनी पूरी मंत्रियों और विधायकों की फौज उपचुनाव में उतार दी है।

जेडीयू ने मंत्री सुनील कुमार समेत सांसद और कई विधायकों को चुनाव प्रचार में लगाया है। तेजस्वी यादव यहां चार चुनावी सभाएं करेंगे।वहीं बीजेपी की ओर से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राधा मोहन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल की 16 अक्टूबर से लगातार चुनावी सभाएं हैं।

इससे पहले शनिवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय यहां चुनावी सभा कर जंगल राज के खिलाफ लोगों से मतदान और विरोधी पार्टी की प्रत्याशी का जमानत जब्त कराने की बात की तो वही महागठबंधन के प्रत्याशी मोहन प्रसाद गुप्ता केंद्र सरकार पर रोजगार का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मेरी लड़ाई किसी से नहीं है। क्योंकि महागठबंधन मजबूत है।

गोपालगंज सीट से बीजेपी के लगातार चार बार विधायक रहे सुभाष सिंह के निधन पर खाली हुई है। अबतक यहां सीधा मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार दिवंगत सुभाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी और RJD के प्रत्याशी मोहन प्रसाद गुप्ता के बीच है। लेकिन गोपालगंज के पूर्व सांसद साधु यादव की पत्नी और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की मामी इंदिरा यादव के नामांकन के बाद लड़ाई त्रिकोणीय बनती दिख रही है। इन प्रत्याशियों की मुश्किलों को बढ़ाने के लिए ओवैसी की पार्टी की इंट्री भी हो गयी है।

AIMIM ने अकलियतों में खास पकड़ रखने वाले अब्दुल सलाम उर्फ असलम मुखिया को चुनाव मैदान में उतारा है। साधु यादव महागठबंधन पर कुछ नहीं बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरी लड़ाई बीजेपी से है। पिछली बार 2020 में हुए चुनाव का उदाहरण भी दिया। 2020 में हुए चुनाव में बीजेपी विधायक दिवंगत सुभाष सिंह को 77791 वोट मिले थे। BSP प्रत्याशी रहे साधु यादव को 41039 वोट मिले थे और महागठबंधन से कांग्रेस उम्मीदवार रहे आसिफ गफूर को 36460 वोट मिले थे।

जाहिर सी बात है कि साधु यादव की पत्नी इंदिरा यादव महागठबंधन की समीकरण को बिगाड़ सकती है। वहीं अससुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के प्रत्याशी अब्दुल सलाम को भी अकलियतों का समर्थन मिलने का ताल ठोक रहे हैं। गोपालगंज में उप चुनाव की मतदान तीन नवंबर को होगी। छह नवंबर को मतगणना है। मतगणना के बाद 6 नवंबर को साफ हो जायेगा कि गोपालगंज की जनता अपना विधायक किसे चुनती है। वैसे सभी प्रत्याशी अपने-अपने जीत का दावा कर रहे हैं।

गोपालगंज से मंजेश मिश्रा की खास रिपोर्ट ...