BIG NEWS : मखाना उत्पादन में लगे किसानों को केंद्र से मिलेगी हरसंभव मदद, केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी का बड़ा बयान

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 Farmers engaged in Makhana production will get all possible help from the Centre.  Farmers engaged in Makhana production will get all possible help from the Centre.

PATNA : बिहार के मखाना को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए पहली बार बिहार से बाहर बेंगलुरु में दो दिवसीय मखाना महोत्सव का आयोजन किया गया। बेंगलुरु, कनार्टक के किंग्स कोर्ट, पैलेस ग्राउंड में कृषि विभाग, बिहार सरकार द्वारा आयोजित दो दिवसीय मखाना महोत्सव के दूसरे दिन केंद्रीय मंत्री भारत सरकार, उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण माननीय प्रहलाद जोशी भी बतौर मुख्य अतिथि इस कार्यक्रम में शरीक हुए।

विशिष्ट अतिथि के तौर पर बिहार के कृषि-सह-स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने भाग लिया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सचिव, कृषि विभाग बिहार, संजय कुमार अग्रवाल ने की। यह आयोजन बिहार के गौरव ‘मखाना’ और देश के खाद्य क्षेत्र में इसके महत्वपूर्ण योगदान का उत्सव है।

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने मखाना आधारित उत्पाद बनाने वाले उद्यमों द्वारा कार्यक्रम में लगाए गए स्टॉल का दौरा किया। उन्होंने मखाना उत्पादों की किस्मों जैसे मखाना पास्ता, खीर मिक्स, मटरी-मिक्स आदि की सराहना की। प्रह्लाद जोशी ने ‘व्यापक बाजार में मखाना के विकास के अवसरों की खोज’ पर सत्र की अध्यक्षता भी की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मखाना उत्पाद की पहुंच दुनियाभर में कराने की हर संभव कोशिश कर रही है।

प्रह्लाद जोशी ने कहा कि गतिहीन जीवन शैली युवाओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है और मखाना जंक फूड का एक बहुत ही स्वस्थ विकल्प प्रदान करता है। बेंगलुरु में यह आयोजन एक अच्छी शुरुआत है और एक बार जब भारत के इस हिस्से में अधिक लोग मखाना के महत्व के बारे में जागरूक हो जाएंगे तो मांग कई गुना बढ़ जाएगी।

उन्होंने आगे कहा कि मखाना के विकास के लिए उनका पूरा समर्थन है और अंत में उन्होंने इस कार्यक्रम को बेंगलुरु में आयोजित करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय को धन्यवाद दिया।

बिहार के कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा कि बिहार न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर मखाना का अग्रणी उत्पादक है। राज्य को मिथिला मखाना के लिए जीआई टैग से सम्मानित किया गया है, जो इसकी अनूठी गुणवत्ता और विरासत को साबित करता है। मखाना जो अपने पोषण संबंधी लाभों के लिए जाना जाता है, बिहार में लाखों किसानों की आजीविका के लिए एक महत्वपूर्ण फसल है। राज्य देश के 85 प्रतिशत से अधिक मखाना का उत्पादन करता है, जो इसे स्थानीय अर्थव्यवस्था का आधार बनाता है।

मंगल पाण्डेय ने कहा कि प्रहलाद जोशी जी आपकी उपस्थिति बिहार के किसानों को यह संदेश दे रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत की सरकार किस प्रकार बिहार के मिथिलांचल के किसानों के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही है। हमारे पीएम के प्रयासों से मखाना को जीआई टैग मिला। मौजूदा केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा कि है कि मखाना उत्पाद में लगे बिहार के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने में केंद्र की ओर से हर सहयोग प्रदान की जाएगी।

मखाना का एक्सपोर्ट आज दुनिया के लगभग 1 दर्जन देशों में हो रहा है। भारत के विभिन्न राज्यों में भी इसकी लोकप्रियता है। मगर दक्षिण भारत में भी मखाना का सेवन बढ़े उसका प्रयास जारी है।

इस अवसर पर संजय कुमार अग्रवाल, सचिव, कृषि विभाग, बिहार, अभिषेक कुमार, आईएफएस, निदेशक बागवानी, कृषि विभाग, बिहार, शिवकुमार ईश्वरन, अध्यक्ष-आईसीसी राज्य परिषद, उपाध्यक्ष, बैंगलोर चौंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स, आर्ट ऑफ लिविंग के डॉ. प्रभाकर राव, अध्यक्ष, एसएसआईएएसटी, विनीत वर्मा, अध्यक्ष, बैंगलुरु चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स और प्रबंध निदेशक, ब्रिगेड हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज लिमिटेड और डॉ. टीके बेहरा, निदेशक, आईआईएचआर, अमिताभ सिंह आप्त सचिव कृषि मंत्री और अन्य उपस्थित थे।