नमन : मशहूर शायर मुनव्वर राना का निधन,कई गणमान्य ने दी श्रद्धांजलि

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Famous poet Munawwar Rana passes away, many dignitaries paid tribute through poetry Famous poet Munawwar Rana passes away, many dignitaries paid tribute through poetry

kashish news desk:-साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित मशहूर शायह मुनव्वर राना अब हमारे बीच नहीं रहे.71 साल के मुनव्वर राना ने लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में इलाज के दौरान अंतिम सांसे ली.मुनव्वर राना क्रोनिक किडनी डिजीज से पीड़ित थे.और काफी काफी दिनों से वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे.आज उनका अंतिम संस्कार होगा.


बताते चलें कि मुनव्वर राना की शायरी बेबाक हुआ करती है और वर्तमान सामाजिक और राजनीतिक हालात पर टिप्पणी करते थे.साल 2014 में मुनव्वर राना को उनकी किताब के ‘शाहदाबा’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. साल 2012 में उन्हें उर्दू साहित्य में उनकी सेवाओं के लिए शहीद शोध संस्थान की ओर से माटी रतन सम्मान दिया गया था.वहीं साल 2015 में यूपी के दादरी में अखलाक की लिचिंग की घटना के बाद राना ने अपना आक्रोश जताते हुए अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने का एलान किया था,जिसके बाद उनके पक्ष और विरोध में कई लोग उतर आये थे. .


उनकी शायरी 'जब तक है डोर हाथ में तब तक का खेल है, देखी तो होंगी तुम ने पतंगें कटी हुई.' की काफी चर्चा हुई थी.उनक् निधन पर देश के कई गणमान्य हस्तियों ने शोक जताया है.बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने ससोल मीडिया पर ट्वीट करके श्रद्धाजंलि दी है..जीतनराम मांझी ने लिखा है कि


"मुनव्वर राणा साहब के इंतेक़ाल की ख़बर से ग़मज़दा हुं।

खुदा उन्हें जन्नत-उल-फिरदौस में उंचा मुक़ाम दें।

मैं उनके बारे में उनके ही लफ़्ज़ों में बयां कर रहा हुं…

एक क़िस्से की तरह वो तो मुझे भूल गया

इक कहानी की तरह वो है मगर याद मुझे

वहीं मुनव्वर राना के इंतकाल पर सपा नेता अखिलेश यादव ने शोक व्यक्त किया. उन्होंने सोशल मीडिया साइट x पर लिखा-

तो अब इस गांव से

रिश्ता हमारा खत्म होता है

फिर आंखें खोल ली जाएं कि

सपना खत्म होता है