BIG NEWS : शिक्षा विभाग में लूट की छूट, पूरा मामला जान आप भी हो जाएंगे हैरान, पढ़ें स्पेशल रिपोर्ट

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 Exemption from looting in education department  Exemption from looting in education department

MOTIHARI :सदन में भले ही भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस वाली सरकार को विपक्ष घेर रहा है लेकिन मोतिहारी का शिक्षा विभाग है कि भ्रष्टाचार को लेकर कीर्तिमान स्थापित करने को आतुर है।

ताजा मामला मोतिहारी में निजी विद्यालयों कों निबंधित करने को लेकर सामने आया है, जहां आरटीई के तहत जिले में संचालित हो रहे निजी विद्यालयों का निबंधन करना है, जिसको लेकर आरटीई के तहत कुछ गाइडलाइन है। विद्यालय अगर उस गाइडलाइन को पूरा करता है तो उसी का निबंधन होना है, जिसकी जांच विभाग के अधिकारी करके रिपोर्ट करेंगे, जिसके बाद उस विद्यालय का निबंधन होना है।

जिले में अब तक 257 विद्यालयों का निबंधन कर दिया गया है जबकि सैकड़ों आवेदन अभी निबंधन के लिए पड़े हुए है, जिसका निबंधन नहीं हो रहा है। वजह है कि निजी विद्यालयों के निबंधन के लिए विभाग के कर्मचारी और अधिकारी मिलकर कर रहे है, जिसका सुबूत सामने आ गया है।

निजी विद्यालयों का निबंधन कराना अनिवार्य क्यों है?

शिक्षा विभाग ने राइट टू एजुकेशन ( RTE ) के तहत एक नियम लागू किया है कि प्रदेश में जितने भी निबंधित निजी विद्यालय संचालित हो रहे हैं, उसमें विद्यालय के नामांकित बच्चों की संख्या के अनुसार 25% वैसे बच्चों को पढ़ाना है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। सरकार इसके एवज में उन विद्यालयों का अनुदान भी देती है। इसके लिए निजी विद्यालयों को विभाग से निबंधन कराना अनिवार्य है।

निबंधन के लिए नियम और शर्तें

सरकार से निजी विद्यालयों का निबंधन कराने के लिए सबसे पहले निजी विद्यालय प्रबंधन को RTE के मानकों को पूरा करना बेहद जरुरी है, जिसमें मुख्य रूप से विद्यालय के क्लास रूम बच्चों की संख्या के अनुसार होना जरुरी है। विद्यालय में कमरे और छत का होना जरूरी है। खेल का मैदान होना जरुरी है। विद्यालय में बच्चों-बच्चियों के लिए अलग-अलग शौचालय होना अनिवार्य है। विद्यालय में लाइब्रेरी होना अनिवार्य है। इसके अलावे अन्य कई मानक हैं, जिसको पूरा करना जरुरी है। इन मानकों की जांच के लिए सरकार द्वारा एक कमिटी बनाई गई है, जिसमे बीइओ, डीपीओ, डीईओ के अलावे अन्य अधिकारी शामिल हैं। इन अधिकारियों द्वारा स्थल पर जाकर विद्यालय का निरीक्षण कर रिपोर्ट देना है, जिसके बाद विद्यालय का निबंधन हो सकेगा।

हो गया भ्रष्टाचार उजागर

दरसअल, जिले में संचालित हो रहे सैकड़ों निजी विद्यालयों में से अभी तक 257 विद्यालय का निबंधन हो चुका है, जिसमें पिछले 28 जून को 34 विद्यालय का निबंधन हुआ है लेकिन इसमें चौकाने वाली बात तब सामने आई, जब विद्यालयों के निबंधन का डाटा सामने आया।

इस डाटा में वैसे विद्यालयों का निबंधन कर दिया गया है, जिसमें बीइओ की रिपोर्ट ही शामिल नहीं है। चौंकाने वाली बात तो ये है कि कुछ विद्यालयों का निरीक्षण कर बीइओ ने रिपोर्ट दिया है कि विद्यालय इन कंप्लीट है, उसका भी निबंधन कर दिया गया है। साथ ही वैसे विद्यालयों का भी निबंधन कर दिया गया है, जिसमें बीइओ के द्वारा बजाप्ता रिपोर्ट में साफ-साफ लिखा है कि विद्यालय एस्बेस्टस का है। बावजूद इसके लोभ में आकर वैसे विद्यालयों का भी निबंधन कर दिया गया है।

अब जब यह डाटा सामने आया है तो निजी विद्यालय संगठन ने विभाग पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए ये कहा है कि मोतिहारी के शिक्षा विभाग में सरकार के गाइडलाइन को पूरा करने की जरूरत नहीं है। यहां तो लेनदेन के गाइडलाइन को पूरा कीजिए तो निबंधन होगा अन्यथा दौड़ते रहिए ।

इधर, इस मामले पर जब-जब जिला शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार से रिपोर्ट सामने रख कर पूछा गया तो वे सन्न रह गए। उन्होंने कहा कि इसकी जांच कराई जाएगी और मामला सत्य पाया गया तो दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और गलत निबंधित विद्यालयों का निबंधन रद्द किया जाएगा लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि इस विभाग के निचले अधिकरी लूट मचाए हुए है और विभाग के उच्चधिकारी इस भ्र्ष्टाचार से अनभिज्ञ है। अगर ऐसी बात है तो भी वैसे अधिकारियो की कार्यशैली पर भी सवाल उठाना लाजिमी है ।

(मोतिहारी से अमित कुमार की रिपोर्ट)