रंग लाई रामकृष्ण सुबेका की मेहनत : ड्रैगन फ्रूट की खेती से लाखों में हो रही कमाई, डेंगू के दौरान प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद


सरायकेला:- देश जब कोरोना महामारी के दौर से गुजर रहा था तो एक फल ऐसा था जिसको लेकर यह बात कही जा रही थी कि अगर यह फल इंसान खाये तो उसका इम्युनिटी बुस्ट होगा और कोरोना या अन्य महामारी से उसका शरीर आसानी से मुकाबला करेगा। अब इसी फल को लेकर डेंगू मे भी बुस्टर की काम करने की बात कही जा रही है।
सभी बीमारियों में इम्युनिटी बुस्ट करने वाला यह है चाइना ड्रैगन फ्रूट। ड्रैगन फ्रूट की खेती आज के दौर में एक सफल खेती है। भारत वर्ष मे इस फल को इसी नाम से पुकारा जाता था। अब इस फल का नाम हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने कमलम रखा है। यह कीमती फल लाभदायक के साथ अर्निग का अच्छा स्रोत है। इसकी खेती करके किसान अच्छी कमाई कर रहे हैं।
सराईकेला में बुजुर्ग दंपति ने75साल की उम्र मे इसकी खेती कर कमाल कर दिया है। उनके इस कार्य की चर्चा क्षेत्र में हो रही है। कोल्हान के पूर्वी सिंहभूम जिले जमशेदपुर क्षेत्र केघोर नक्सल प्रभावित इलाका चाकुलियाहै। जहां एक75वर्षीय रामकृष्ण सुबेकाने चाईना के फलड्रैगन फ्रूटकी खेती अपने यहाँ कर के एक मिसाल कायम किया है।ड्रैगनफूट की सपल खेती करके यह साबित कर दिया है कि सूझबूझ से नई फसलों की खेती की जाए तो सफलता मिल ही जाती है।उन्होंने इससफर की शुरुआत साल2020में लॉकडाउन के दौरान की थीऔर आज इसखेतीसेअच्छी कमाई कर रहे हैं।पूर्वी सिंहभूम जिले केचाकुलियामे सुपर फ्रूट यानी ड्रैगन फ्रूट की खेती करके इस बुजुर्ग दंपति ने यह साबित कर दिया है कि झारखंड की मिट्टी में सिर्फ धान की खेती ही नहीं बल्किविदेशी फल ड्रैगन फ्रूट भी पैदाहोसकतेहै।
चाकुलिया के 75 वर्षीय रामकृष्ण सुबेका ने पिछले लॉकडाउन में यूट्यूब देख कर ड्रैगन फ्रूट की खेती करने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने बांग्ला देश से पौधा मंगवाकर खेती की शुरुआत की, इनके निर्णय को पहले तो परिवार के सदस्यों ने हल्के में लिया और उन्हें समझाया भी, लेकिन रामकृष्ण सुबेका किसी भी बात की परवाह किए बिना ही खेती में जुटे गए। उनका मानना है कि आने वाले वर्षों में उन्हें इसकी खेती से 10 लाख से अधिक का मुनाफा होगा। उन्होंने बताया कि इस फ़्रूट को पहले कोरोना काल मे लोगो ने डॉक्टरों के कहने पर उपयोग किया था। अब डेंगू के समय मे भी इस फल की काफ़ी मांग है, क्योंकि इस फल को खाने के कई फायदे हैं।
बता दें कि ड्रैगन फ्रूट को सुपर फ्रूट में इस लिए गिना जाता है,क्योंकि इसमें मानव अंग की कई बीमारियों से लड़ने की अद्भुत ताकत हैइस फल की खोज सबसे पहले अमेरिका ने की थी।अमेरिका में इस फल को पिटाया फ्रूट के नाम से जाना जाता है,जिसके बाद चीन में इस फल की खेती शुरु हुई और चीन ने इसे ड्रैगन फ्रूट का नाम दिया।ड्रैगन जो की चाईना का प्रतीक है आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस सुपर फ्रूट के गुणों के कायल हैं। उन्होंने इस फल का नाम कमलम रखा क्योंकि यह बिल्कुल कमल के फूल की तरह दिखता है और कमल फूल हमारा राष्ट्रीय फूल भी माना जाता है।
रामकृष्ण सुबेका बताते हैं कि उन्होंने दो साल पहले लॉकडाउन के दौरान इसकी खेती शुरू की थी। तब उन्होंने इंटरनेट से देख कर इसकी पहचान की तो पाया यह काफ़ी बूस्टर वाला फल है। जिसकी खेती सिर्फ चाइना में होती है। हमने भी सोचा की इसको करना चाइए,तो हमने इसका बीजा बंगला देश की सीमा से मगवाया और फिर खेती की। फसल तैयार होने के बाद पहले साल में ही उन्होंने 50 हजार से अधिक की कमाई की है। पर अब यह कमाई लाखों में होगी। उन्होंने बताया की एक पौधा 20 साल तक फल देगा इससे एक लाख तक की कमाई होगी। अब जब एक पेड़ 20 साल तक रहेगा और एक लाख तक की कमाई होगी तो आप समझ सकते है की 500 पेड़ मे क्या कमाई होंगी। शुरुआत में तो डर लग रहा था लेकिन जब पौधे बड़े हुए और फल देने लगे तो अच्छी आमदनी होने लगी है।