Jharkhand News : देखरेख के अभाव के कारण रिम्स में लगा करोड़ों के सोलर सिस्टम हुआ बेकार
रांची:-रांची झारखंड में बिजली व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सोलर सिस्टम को बड़े स्तर पर लागू करने का प्रयास राज्य सरकार की तरफ से किया जा रहा है। कई संस्थानों में सोलर के माध्यम से बिजली व्यवस्था को शुरू करने का प्रयास किया गया ताकि झारखंड में सौर उर्जा के माध्यम से एनर्जी को बचाया जा सके। झारखंड सरकार भले ही सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही हो लेकिन झारखंड सरकार के अंदर चलने वाली संस्थाओं का सौर ऊर्जा के प्रति लापरवाही का आलम बदस्तूर सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में देखने को मिला।
दरअसल राजधानी रांची के रिम्स में बिजली व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लगभग दो करोड़ के लागत से सोलर प्लांट को स्थापित किया गया।तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के शासनकाल में जरेडा के सहयोग से रिम्स में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए सोलर के1600पैनल।200किलो वाट के दो सिस्टम स्थापित किए गए और सोलर पैनल को चार्ज करने के लिए उसकी बैटरी को रिम्स के बेसमेंट में लगाया गया।
लेकिन रिम्स प्रबंधन की लापरवाही की वजह से रिम्स के बेसमेंट में लगाए गए बैटरी खराब हो चुके हैं।क्योंकि बेसमेंट में पानी जमा होता है और रिम्स प्रबंधन के द्वारा बेसमेंट में ही कूड़े कचरे को फेंका जाता है।बेसमेंट की स्थिति इतनी बुरी हो गई है कि बैटरी को ठीक करने के लिए बेसमेंट के अंदर जाना कर्मचारियों के लिए मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो गया है।
बैटरी की खराब हालत को देखते हुए रिम्स के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉक्टर राजीव रंजन से जब ईटीवी भारत की टीम ने बात की तो उन्होंने बताया किबताया कि वर्ष 2016 में जब सोलर पैनल को लगाया जा रहा था तो उसी समय जरेडा और रिम्स प्रबंधन के अधिकारियों की सहमति से बैटरी रखने की जगह को बेसमेंट में ही चिन्हित किया गया था। उस वक्त सनग्रेस एनर्जी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड की देखरेख में सोलर पैनल और उसके बैटरी की निगरानी की जाती थी। 5 साल पूरे होने के बाद वर्ष 2021 में सनग्रेस एनर्जी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड का करार खतम हो गया।