धार्मिक आस्था और पूजा पर विवाद अभी खत्म नहीं : पारसनाथ बचाओ महाजुटान को लेकर 10 जनवरी को शंखनाद, ‘मरांग बुरु पारसनाथ बचाओ संघर्ष समिति’ ने लिया निर्णय

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गिरिडीह: मधुबन गेस्ट हाउस में एक ओर जहां श्री सम्मेद शिखरजी को लेकर कुछ दिनों से चल रहे विवाद को खत्म करने की दिशा में बैठक हो रही थी. वहीं दूसरी ओर‘मरांग बुरु पारसनाथ बचाओ संघर्ष समिति’के लोग आंदोलन की योजना बना रही थी. समिति ने कहा है कि पारसनाथ बचाओ महाजुटान का कार्यक्रम विभिन्न चरणों में होगा. मरांग बुरु सावंता सुसार बैसी के जिला सचिव सिकंदर हेंब्रम ने कहा कि पूर्व की घोषणा के अनुरुप 10 जनवरी को मधुबन थाना के पास स्थित मैदान में पारसनाथ बचाओ आंदोलन का शंखनाद किया जायेगा. इस महाजुटान में न सिर्फ आदिवासी और मूलवासी, बल्कि देश के विभिन्न राज्यों से आदिवासी लोग भाग लेंगे.

उन्होंने कहा कि 30 जनवरी को उलिहातू में भूख हड़ताल की जायेगी. 2 फरवरी को भोगना में मरांग बुरु बचाओ अभियान को लेकर महाजुटान कार्यक्रम होगा.

गौरतलब है कि पारसनाथ पर्वत से जुड़ी धार्मिक आस्था और पूजा को लेकर हुए विवाद को समाप्त करने के लिए रविवार को मधुबन गेस्ट हाउस में उच्च स्तरीय बैठक हुई थी. बैठक के दौरान आम सहमति बनाई गई कि श्री सम्मेद शिखरजी में ना ही पर्वत वंदना को आने वाले तीर्थ यात्रियों को कोई समस्या हो और ना ही संथाल समुदाय को मरांग बुरु तीर्थ स्थल में जाने पर कोई परेशानी हो. पहले की तरह ही जैन और आदिवासी दोनों समुदाय के लोग एक दूसरे के धार्मिक रीति रिवाज व परंपरा का सम्मान करेंगे. बैठक में गिरीडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, एसपी अमित रेनू समेत कई प्रशासनिक अधिकारी एवं जैन और संथाल समुदाय के प्रतिनिधि उपस्थित हुए थे.


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