देवघर में संकटष्ता माता का है ऐतिहासिक मंदिर : इस विधि से पूजा करने से दूर होते सभी संकट, जानिये पूजा करने की विधि
देवघर : बाबा नगरी देवघर यानि बाबाधाम बिहार, झारखंड समेत पूरे देश और विदेश में प्रसिद्ध है. यहां बाबा बैद्यनाथ के रुप में एकमात्र ज्योतिर्लिंग है जो शक्तिपीठ भी है. देवघर में पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंग माता सती के ह्रदय जहां गिरा था, उसी जगह पर स्थापित है. बाबा मंदिर देवघर सतयुग और त्रेतायुग दोनों युग का है. विद्वानों का मानना है कि सतयुग में माता सती का ह्रदय यहां गिरा था और त्रेतायुग में लंकापति रावण द्वारा ज्योतिर्लिंग लाया गया था.
बाबा मंदिर के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित पंडित दुर्लभ मिश्रा बताते हैं कि जब दैत्यों के आतंक से देवताओं की गद्दी छीन लिया गया था तब ऋषि,महात्मा एवं देवताओं ने आदि शक्ति माता की प्रार्थना की थी. तभी आदि शक्ति माता द्वारा संकटष्ता माता का आविर्भाव हुआ. विकराल भयंकर दिखने वाली संकटष्ता माता बंगाल टाइगर पर सवार हाथों में शस्त्र लिए दैत्यों के आतंक से देवताओं का संकट दूर की थी. इसी संकटष्ता माता का विग्रह बाबा मंदिर में मौजूद है. श्रद्धालु यहां सालों भर माता की पूजा अर्चना कर अपने और अपने परिवार की संकट को दूर करते हैं.
बुरी से बुरी संकट इस प्रकार से दूर करती है माता
वैसे तो संकटष्ता माता की पूजा तंत्र विद्या से होती है और इनको बलि दी जाती है. लेकिन आपको किसी भी प्रकार का कष्ट हो जैसे भाई भाई की लड़ाई,मुकदमा में बुरी तरह फंस जाना,जेल जाने की नौबत,आपको फांसी लग सकती है या किसी भी प्रकार का शारीरिक कष्ट जो निवृत्त नहीं हो सकता इत्यादि की स्थिति में आप बाबा मंदिर आइये और संकटष्ता माता को नारियल की बलि,पंचोपचार पूजन,लाल कनैल का पुष्प,अक्षत,रौली और नैवेद्य चढ़ाने से संकटष्ता माता सभी संकटो त्वरित दूर करेंगी.
बाबाधाम में मुख्य मंदिर सहित 22 मंदिर हैं. यहां स्थित सभी मंदिरों में स्थापित देवी देवताओं के विग्रह अपने आप मे अद्भुत है और सभी के पीछे कोई न कोई कहानी है. यही कारण है कि इस ज्योतिर्लिंग में सारी मनोकामना पूर्ण होती है. तभी तो सालों भर यहाँ श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.