रंगोली बनाकर कंधे पर दुर्गा मैया का विसर्जन : रोसड़ा में मैया के दर्शन को लेकर उमड़ी भक्तों की भीड़

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Crowd of devotees gathered in Rosra for the darshan of Durga Maiya. Crowd of devotees gathered in Rosra for the darshan of Durga Maiya.

रोसड़ा (समस्तीपुर)-विजय दशमी के अवसर पर रोसड़ा के सभी प्रमुख चौक चौराहों पर भक्तों ने रंगोली बनाकर बड़ी दुर्गा मैया का विसर्जन किया, विसर्जन दौरान हजारो की संख्या में भक्त बड़ी दुर्गा मैया को कांधे पर लेकर रोसड़ा के दुर्गा स्थान चौक,सिनेमा चौक,महावीर चौक, गुदरी चौक, थाना रोड के रास्ते बिसर्जन यात्रा निकाल पास के गंडक नदी में ले जाकर विसर्जित किया


इस दौरान लोग अपने अपने घरों से बाहर निकल माता पर पुष्प की वर्षा कर बड़ी मैया का अंतिम दर्शन किया , विसर्जन के दौरान अबीर से पूरा सड़क लाल हो गया था,दुर्गा स्थान से लेकर पूरे रोसरा बाजार में लाखो की संख्या में भक्त जुटे हुए थे, हर भक्त बड़ी दुर्गा मैया को कंधा देने में सहयोग कर रहे थे, स्थानीय भक्तो ने बताया कि रोसड़ा शहर में सैकड़ो वर्षों से यह सिलसिला होता आ रहा है , माता के विसर्जन को लेकर रोसरा के सभी चौक चौराहों पर रंगोलिया बनाई जाती है उनके स्वागत के लिए पुष्प माला से पूरे रोसड़ा को सजाया जाता है और विसर्जन दौरान सभी चौक चौराहों पर माता का भव्य आरती का आयोजन किया जाता है, भक्तो ने बताया कि विसर्जन दौरान पहले बड़ी दुर्गा मैया का मूर्ति को उठाकर विसर्जन के लिए कंधे पर लेकर आगे आगे चला जाता है पीछे से अन्य सभी अन्य दुर्गा मंदिर में स्थापित दुर्गा माता का मूर्ति को साथ में ले जाकर विसर्जित किया जाता है, इस विसर्जन यात्रा में रोसड़ा शहर के साथ-साथ आसपास के गांव के हजारो लोग दर्शन पाकर माता का आशीर्वाद प्राप्त करते है.

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस विसर्जन में स्थानीय दुकानदार और शहर के हजारों युवाओं के सहयोग से सभी माता का बारी-बारी से विसर्जन किया जाता है बड़ी दुर्गा मैया को कंधे पर पूरे रोसड़ा बाजार का भ्रमण कराकर गंडक नदी में विसर्जित किया जाता है, इधर विसर्जन में शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर रोसड़ा पुलिस प्रशासन के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि पूरी तरह से मुस्तैद होकर सहयोग करने में शामिल थे। विसर्जन के दौरान मैया के जयकारे से पूरा रोसड़ा बाजार गूंजायमान हो रहा था, इधर रोसरा बाजार सहित सभी ग्रामीण इलाकों में सभी दुर्गा माता का मूर्ति का भी पूजा समिति सदस्यो के द्वारा नदी पोखर में विसर्जित किया गया।