CM हेमंत सोरेन ने BJP पर जमकर हमला बोला : कहा-भाजपा नफरत की राजनीति करती, लोगों को बांटने का करते काम
गढ़वा : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने रविवार को जिले के नगरउंटारी स्थित गोसाइबाग में भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र के जेएमएम प्रत्याशी अनन्त प्रताप देव के पक्ष में चुनावी जनसभा को सम्बोधित किया. उन्होंने कहा कि मेरे नेतृत्व में सरकार का 5 साल जनता को समर्पित रहा. जनता की सेवा के लिए कई ऐसी योजनाएं चलाईं, जिससे जनता को सीधा लाभ मिला है. 5 साल बाद एक बाद फिर से आपके बीच आशीर्वाद मांगने आया हूं.
सीएम ने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 5 साल में मैं हर वर्ग के लोगों को लाभ देने का काम किया है. यहां के लोग काफी गरीब हैं. कर्ज के बोझ तले दबे हुए थे. इसका एहसास मुझे था. लोगों की जिंदगी आसान बनाने के लिए मैंने केसीसी लोन के साथ बिजली बिल माफ करने का फैसला किया. कोरोना काल में जहां आम लोग भाजपा द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के कारण घर से काफी दूर फंसे हुए थे. मैंने उन्हें लाने के लिए हवाई जहाज तक का सहारा लिया. इस दौरान प्रदेश की महिलाओं ने मेरा खूब साथ दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को सशक्त करने के लिए हमारी सरकार ने मंईयां सम्मान योजना लागू किया है. अभी ₹1000 दिया जा रहा है. दिसंबर से ₹2500 देने का फैसला मेरी सरकार ने कर लिया है. वहीं अगले कार्यकाल में हर महिलाओं के खाते में एक लाख रुपए डाला जाएगा.
हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा नफरत की राजनीति करती है. हिन्दू, मुस्लमान कर लोगों को बांटने का काम करते हैं. यहां हिन्दू ,मुस्लिम, सिख व इसाई सब मिलकर रहते हैं.यहां इनकी दाल नहीं गलती है. इसीलिए यह लोग लोगों में दरार पैदा कर वोट लेना चाहते हैं. भाजपा द्वारा लगाये जा रहे हैं बांटोगे तो कटोगे नारे पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि यहां ना तो कोई बंटेगा और ना ही कोई कटेगा अब भाजपाई कूटेगा.
सीएम ने इस भवनाथपुर में पावर प्लांट लगाने की भी बात कही है. उन्होंने कहा कि मेरे अगले कार्यकाल में पावर प्लांट लगाने का काम किया जाएगा. इससे क्षेत्र को पर्याप्त बिजली मिलेगी. वहीं लोगों को मुफ्त बिजली दी जाएगी. लेकिन भाजपा की तरह नहीं बल्कि यहां की बिजली यहीं मिलेगी. भाजपा वाले झारखंड में पावर प्लांट लगाकर बांग्लादेश को बिजली सप्लाई करते हैं. बांग्लादेश से इनका प्यार गजब तरीके का है.
सीएम ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा पर भी जमकर हमला बोला. कहा कि वे अपने प्रदेश को छोड़कर झारखंड में एक से डेढ़ साल से रहकर यहां के लोगों को बांटने का काम कर रहे हैं. घुसपैठियों की बात करते हैं. जबकि सबसे अधिक घुसपैठिये असम में ही रहते हैं. वहां से घुसपैठियों को चुनाव के लिए अलग-अलग प्रदेशों में ट्रांसफर किया जाता है. अगर देश में घुसपैठियों आते हैं तो यह केंद्र सरकार की नाकामी है. क्योंकि सीमा की सुरक्षा केंद्र सरकार के हाथों में है.