चाईबासा में जमीनदाताओं को नहीं मिला न्याय : CM हेमंत सोरेन ने 45 रैयतों को बांटे थे नियुक्ति पत्र, ACC कंपनी ने अब तक नहीं दी नौकरी
चाईबासा : प्रसिद्ध एसीसी अदानी सीमेंट कंपनी को जमीन देने वाले 45 जमीनदाता, रैयत नौकरी व मुआवजा के लिए पिछले 40 सालों से दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. पिछले 40 सालों से भी एसीसी कंपनी को जमीन देने वाले जमीन दाताओं को एसीसी कंपनी और उनके अधिकारियों द्वारा ठगा जा रहा है. 4 वर्ष पूर्व चाईबासा के विधायक और वर्तमान मंत्री दीपक विरुवा के पहल पर पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा झींकपानी स्थित एसीसी सीमेंट कंपनी को जमीन देने वाले 45 रैयतों को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा 4 वर्ष पूर्व पिल्लई हाल में नियुक्ति पत्र बांटा गया था. मगर विडंबना और दुख की बात है कि आज तक उन जमीन दाताओं को एसीसी सीमेंट कंपनी ने नौकरी नहीं दे रही है और लगातार टालमटोल किया जा रहा है.
एसीसी कंपनी द्वारा जमीन दाताओं को ठगा जा रहा है. धोखा देने का काम किया जा रहा है. सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्थानीय मंत्री दीपक विरुवा के निर्देश का भी एसीसी सीमेंट कंपनी पालन नहीं कर रहा है. एसएससी के अधिकारियों की मनमानी से जमीनदाताओं में अब एसीसी कंपनी के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है. जमीनदाताओं ने 15 दिनों के अंदर नौकरी देने की मांग की है. अन्यथा एसीसी कंपनी के मुख्य गेट के समक्ष आंदोलन और चक्का जाम करने की भी चेतावनी दी है. साथ ही नौकरी नहीं देने पर एसीसी कंपनी को अपनी जमीन वापस देने की भी मांग की है.
जिला प्रशासन एसीसी सीमेंट के अधिकारियों और जमीनदाता,रैयतों के बीच आज बैठक हुई. बता दें कि एसीसी सीमेंट कंपनी को देश की सबसे बड़ी कंपनी अडानी समूह ने खरीद लिया है. उक्त जमीन को वर्ष1980- 82में अधिग्रहण किया गया था. एसीसी को जमीन देने वाले कई जमींदाताओं और रैयतों को सरकार के निर्देश पर विधानसभा की कमेटी बनाकर और अभियान चलाकर चिह्नित कर नौकरी और मुआवजा दी गई थी. इसमें यह45जमीनदाता रैयत छूट गए थे. वर्तमान मंत्री और क्षेत्र के विधायक दीपक विरुवा के पहल पर चिह्नित कर चयनित किया गया था और मुख्यमंत्री के हाथों भव्य कार्यक्रम आयोजित कर नियुक्ति पत्र दिया गया था. मगर आज तक एसीसी सीमेंट कंपनी उन लोगों को नौकरी नहीं दे रही है और टालमटोल किया जा रहा है. एसीसी के अधिकारी जमीदाताओं रैयतों को कुशल मजदूर नहीं होने और उनके हिसाब से पद नहीं होने का बहाना बनाकर नौकरी देने को लेकर टालमटोल कर रही है और प्रशिक्षण आदि देकर बाद में नौकरी देने के नाम पर टालमटोल कर रही है और कंपनी को जमीन देने वाले जमीन दाताओं को वर्षों से ठगा जा रहा है.
अनुमंडल पदाधिकारी पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा के कार्यालय में झिंकपानी के रैयतों और एसीसी कंपनी के पदाधिकारी के बीच अनुमंडल पदाधिकारी चाईबासा की अध्यक्षता में बैठक हुई. एसीसी भूमि के रैयतों ने मांग की है किF2खदान भूमि के एवज में चयनित सभी45रैयतों को एसीसी अडानी झींकपानी के प्रबंधक द्वारा10अक्टूबर2024को लिखित दिया गया था कि3माह के अन्दर सभी45रैयतों को ठेकेदार के माध्यम से कारखाना में रोजगार दिया जाएगा. परन्तु10जनवरी2025को पूर्ण हो जाने के बावजूद सभी चयनित रैयतों को रोजगार नहीं दिया गया. इसलिए ए० सी० सी० अडानी झींकपानी के प्रबंधक के खिलाफ धोखा देने के मामले में सख्त कार्रवाई की जाय. रैयतों का कहना है कि1980-82से एसीसी कम्पनी झूठे वादे करते हुए ठगती आ रही है. अब तक अपना वादा पूरा नहीं की है.45लोगों को नियुक्ति पत्र देकर भी अब तक नियुक्ति नहीं की गई है. अगर एसीसी कंपनी जल्द अपना वादा पूरा नहीं करती है तो हम अपना जमीन वापस लेकर खेती करना शुरू करेंगे.
चाईबासा से राजीव सिंह की रिपोर्ट--