चाईबासा में हास्य कवि सम्मेलन में खूब लगे ठहाके : S R रुंगटा ग्रुप, रुंगटा माइंस TMT बार द्वारा होली पर आयोजित किया गया था सम्मेलन
चाईबासा :अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन चाईबासा शाखा द्वारा एस आर रुंगटा ग्रुप,रुंगटा माइंस टीएमटी बार एण्ड रोड के सौजन्य से होली पर्व के पावन अवसर पर होली हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन स्थानीय पिल्लई टाउन हॉल में आयोजित किया गया.मारवाड़ी सम्मेलन चाईबासा शाखा के अध्यक्ष रमेश खिरवाल के नेतृत्व में कार्यक्रम संयोजक पवन चाण्डक को बनाया गया.हास्य कवि सम्मेलन में विधिवत कार्यक्रम का शुभारंभ कोल्हान के डीआईजी मनोज रतन चौथे,पश्चिम सिंहभूम के उपायुक्त कुलदीप चौधरी,उपविकास आयुक्त संदीप कुमार मीणा,असिस्टेंट कलेक्टर अर्नब मिश्रा,सदर अनुमंडल पदाधिकारी सदर संदीप अनुराग टोप्नो,एसआर रुंगटा ग्रुप के मुकुंद रुंगटा,रमेश खिरवाल,पवन चाण्डक,कवि बुद्धि प्रकाश दाधीच,कवि प्रकाश पपलू,कवि संदीप शर्मा,कवि सुनील व्यास,कवि अभय निर्भीक,कवयित्री वंदना शुक्ला,कवयित्री श्रध्दा शोर्य ने माँ सरस्वती की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया.
इस मौके पर सम्मेलन के सदस्य रुपेश अग्रवाल, अशोक विजयवर्गी, मनोज शर्मा, अजय बजाज, पवन गर्ग शिव बजाज रामस्वरुप अग्रवाल द्वारा कवियों को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया. मंच संचालन कार्यक्रम संयोजक पवन चाण्डक द्वारा किया गया. कवि सम्मेलन में हास्य, वीर रस , श्रृंगार रस से होली हास्य कवि सम्मेलन में कवियों के संग मंच पर कवियों एवं श्रोताओं के बीच माहौल बनाने के लिए मंच का संचालन कवि बुद्धि प्रकाश दाधीच ने किया तथा सर्वप्रथम माँ सरस्वती की आराधना से डॉ. वंदना शुक्ला ने शुरु किया.
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सम्मेलन के सलाहकार सदस्य मुकुंद रुंगटा के मार्गदर्शन में अध्यक्ष रमेश खिरवाल "लड्डू" निवर्तमान अध्यक्ष अनिल मुरारका , सचिव रुपेश अग्रवाल कार्यक्रम संयोजक पवन चाण्डक सहित अशोक विजयवर्गी अजय बजाज मनोज शर्मा, संजय गर्ग, शिव बजाज ,गिरधारीलाल पारीक, यशवंत सिंघल, अशोक नेवटिया, पवन गर्ग, राकेश बुधिया , आशीष चौधरी, इन्द्रजीत सिंह रंधावा ने कार्यक्रम को व्यवस्थित किया.
सम्मेलन द्वारा श्रोताओं के लिए जलपान की व्यवस्था भी कवि सम्मेलन में की.
कार्यक्रम के अंत में मारवाड़ी सम्मेलन चाईबासा शाखा के अध्यक्ष ने अध्यक्ष ने मारवाड़ी सम्मेलन चाईबासा शाखा को निरंतर अपना सहयोग देने के लिए कार्यक्रम के प्रायोजक एस आर रुंगटा समूह रुंगटा टीएमटी बार एण्ड रोड को तथा चाईबासा में कार्यक्रम आयोजित करने में प्रेरित करने नन्दलाल रुंगटा एवं मुकुंद रुंगटा का आभार व्यक्त किया. साथ ही सभी श्रोताओं, प्रशासनिक पदाधिकारियों, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों, कवि गण को धन्यवाद दिया जिनकी उपस्थिति एवं प्रस्तुति से कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ.
होली मिलन समारोह में आयोजित कवि सम्मेलन में आमंत्रित कवियों द्वारा भक्ति रस, वीर रस, हास्य व्यंग ,प्रेम रस के एक से बढ़कर एक प्रस्तुति की गई जिसका उपस्थित लोगों ने जमकर लुफ्त उठाया. कवि सम्मेलन में उपस्थित अतिथि और लोगों को कवियों और कवित्रियों ने हंस हंस कर लोटपोट किया. पिल्लई हाल कवि सम्मेलन में ठहाकों और तालियों से गुंजमान होता रहा.
—वंदना शुक्ला
*होली में होती है रंगों की बौछार रसिया
मिल खेलो रंग रंगों का त्योहार रसिया
- श्रद्धा शौर्य
* वीरता को वरती इस भारत की भव्यता को
करुणा की कलमें सिखा गईं हैं चूड़ियां
पौरुष की परिपाटी तलवारें पढ़ा गई तो गरिमा की गोष्ठियां लिखा गईं हैं चूड़ियां
दृढ़ता का वरदान वीरों ने टिकाया तो धीरता को धैर्य से टिका गईं हैं चूड़ियां
जलकर जब जौहर की ज्वाला अपनाई तो खिल्जियों को औकात दिखा गईं हैं चूड़ियां
* बुद्धिप्रकाश दाधीच,
केकड़ी,राजस्थान.
गुलोगुलशन से महकते जहान देखें हैं,
हमने मुश्किल में सिकन्दर महान देखें हैं.
भूलकर नाज न करना उधारी किस्मत पे,
हमने बारिश में भी जलते मकान देखें हैं.
* सुनील व्यास लाफ्टर चैंपियन
संस्कार मगर क्यु खो जाते है
सच मे यार याद बहुत आते है
अब सुनी सुनी है छत
सुना है पास वाला मैदान
कोईac,कोई मोबाइल मेरे
बच्चो की नींद और गेंद चुराकर ले गया
* अभय सिंह निर्भीक
अम्बेडकर नगर (अयोध्या)
भारत माता का हरगिज सम्मान नहीं खोने देंगे.
अपने पूज्य तिरंगे का अपमान नहीं होने देंगे.
भारत श्वेत कपोतों से ही कश्ती खेता आया है
बारम्बार पड़ोसी हमको धोखे देता आया है
शांति शांति के चक्कर में हम बहुत दिनों तक छले गए
कोट के ऊपर लाल गुलाबों वाले दिन अब चले गए
अंदर जितनी चीख दबी थी हमने उतना चीख लिया
दुश्मन को उसकी भाषा में उत्तर देना सीख लिया
इस नापाक पड़ोसी के घर तोड़ के हम दीवार गए
पुलवामा का बदला लेने बेटे सीमा पार गए
भारत भू का नक्शा पूरा करने की तैयारी है
तीन सौ सत्तर हटा दिया अब पीओके की बारी है
- संदीप शर्मा धार
राम
दो अक्षर हैं जिससे सारी सृष्टि है,दो अक्षर हैं जिससे सुख की वृष्टि है,दो अक्षर हैं जिससे खुश्बू फूलों में,दो अक्षर हैं जिससे रंग वसूलों में,दो अक्षर हैं सूरज सुबह निकलता है,दो अक्षर हैं चंदा रूप बदलता है,दो अक्षर ही दशरथ के मन प्राण बसे,दो अक्षर में सारा हिंदुस्तान बसे.
चाईबासा से राजीव सिंह की रिपोर्ट----