नागपंचमी पर चौरसिया दिवस सम्मेलन : एक तरफ जातीय गणना में पेच,दूसरी ओर चुनाव से पहले जातियों का सम्मेलन


PATNA:-एक तरफ बिहार सरकार की जाति गणना की योजना हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुकी है..वहीं दूसरी ओर 2024 के लोकसभा और 2025 के विधानसभा चुनाव में अपनी राजनीतिक भागेदारी को लेकर राज्य की अलग अलग जातियां गोलबंद होने लगी है.इस कड़ी में नागपंचमी के ठीक एक दिन पहले चौरसिया समाज के लोगों ने राजधानी पटना एवं गया समेत कई जिलों में चौरसिया दिवस समारोह का आयोजन किया .इसमें चौरसिया समाज के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को सम्मानित किया गया..और विभिन्न राजनीतिक पार्टियों से जनसंख्या के हिसाब से प्रतिनिधित्व देने की मांग की गई.
पटना के IMA हॉल में आयोजन
नागपंचमी के अवसर पर चौरसिया दिवस का आयोजन पटना के आईएमए हॉल में आयोजित किया गया जिसमें अखिल भारतीय चौरसिया महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव चौरसिया एवं प्रदेश अध्यक्ष डॉ एनपी प्रियदर्शी,पूर्व आईपीएस आजाद चन्द्रशेखर समेत सैकडो़ं लोग शामिल हुए.इसमें चौरसिया समाज के युवाओं में शिक्षा में बेहतर अवसर समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई.इसमें वक्ताओं ने कहा कि समाज को आगे बढ़ाने के लिए राजनीतिक भागेदारी जरूरी है.इसलिए समाज के लोग जिस राजनीतिक दल से जुड़ें हैं..वहीं संगठन में आगे बढ़ने की कोशिश करे..आनेवाले चुनाव में जो राजनीतिक दल हमें समुचित भागेदारी दे..उसका समर्थन करें..पर किसी एक राजनीतिक दल का पिछलग्गू बन कर न रहें.
पान की खेती और बिक्री है मुख्य पेशा
चौरसिया समाज से जुड़े जातियों का मुख्य पेशा पान की खेती एवं बिक्री से है.इसलिए इस सम्मेलन मे पानी के खेती एवं उसके व्यापार को बढा़वा देने के लिए कई प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई जो बिहार के मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री को भेजी जाएगी. बिहार पान कृषक संघ के महासचिव सुभाष प्रसाद चौरसिया ने मांग रखते हुए कहा कि बिहार के 17 जिलों में करीह 5 हजार हक्टेयर में पान की खेती होती थी,पर इसमें धीरे-धीरे कमी आ रही है.इसलिए उनकी मांग है कि पान को कृषि का दर्जा दिया जाय.राज्य सरकार पान सलाहकार बोर्ड का गठन करे.पहले की तरह ही नागपंचमी को चौरसिया दिवस घोषित की जाय.पटना में फल मंडली की तरह ही पान मंडी की स्थपाना की जाए और पान किसानों को अऩुदान मुहैया की जाय.
राष्ट्रीय स्तर पर एकता बनाने की कोशिश
वहीं कार्यक्रम में शामिल अखिल भारतीय चौरसिया महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव चैरसिया ने कहा कि उनकी चौरसिया जाति के लोग अलग-अलग सरनेम से पूरे देश में रहतें है.अब इन सबकों एक मंच पर लाने की कोशिश हो रही है.इसी क्रम में पटना में भी कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है.बिहार समेत राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक भागेदारी को लेकर हमलोग अपने हक के लिए संघर्ष कर रहें हैं.हमारे समाज के लोग राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना झंडा लहरा चुकें हैं.उम्मीद है कि उनकी आपसी एकता से उन्हें उनका हक जरूर मिलेगा.
धार्मिक नगरी गया में भी हुआ आयोजन
पटना के साथ ही ज्ञान और मोक्ष की नगरी गया में भी नागपंचमी से एक दिन पहले शहर के धर्म सभा भवन में चौरसिया सम्मेलन सह नाग पंचमी महोत्सव का आयोजन किया गया. जिसमें सैकड़ों की संख्या में समाज की महिलाएं-पुरुष एवं बच्चे शामिल हुए.
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बिहार सरकार के अति पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष विनोद भगत चौरसिया शामिल हुए. जिन्हें लोगों ने पुष्प गुच्छ देखकर स्वागत किया गया. इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गई.
इस मौके पर चौरसिया कल्याण समिति के युवा जिलाध्यक्ष त्रिपुरारी कुमार चौरसिया ने कहा कि विगत कई वर्षों से समाज के द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इससे समाज के लोग एक जगह पर इकट्ठा होते हैं और एक-दूसरे को जानने का मौका मिलता है.इसके साथ ही समाज में एकजुटता आती है. इसके अलावा समाज के बच्चों द्वारा एक से बढ़कर एक गीत-संगीत व नित्य की प्रस्तुति की गई है. इस तरह के कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज के लोगों को सम्मान करना एवं आपसी एकजुटता को बनाए रखना है. साथ ही समाज के लोगों को अगर किसी तरह की समस्या होती है, तो इस कार्यक्रम के दौरान उस पर विस्तृत रूप से चर्चा की जाती है और उस समस्या को दूर करने का प्रयास किया जाता है.
नाग को इष्ट देवता मानता है चौरसिया परिवार
बताते चलें कि चौरसिया समाज नाग देवता को अपना इष्ट देवता मानता है.इस दिन चौरसिया परिवार के घर में विशेष पूजा और अराधना की जाती है.इसमें नाग देवता के नाम से पूजा की जाती है.अब इस दिन को समाज के लिए चौरसिया दिवस के रूप में मना रहें हैं और इस बहाने एक दूसरे से मिल-जुल कर समाज को आगे बढ़ाने पर चर्चा करते हैं.