बजट पर सुझाव-बीजेपी के भौंहें टेढी : कहा- जब गांव में मोबाइल कनेक्टिविटी ही नहीं तो सुझाव कैसा...
रांची- हेमंत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजटबनाने के लिए जनता सेसुझाव मांगने जा रही है. सरकार का यह मानना है कि जब जनता के सुझाव आएंगे, उसके आधार पर योजनाएं बनेगी तो ज्यादा कारगर होगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को इस संबंध में मोबाइल एप्प का लांच किया था। लेकिन सरकार के इस फैसले पर विपक्षी पार्टी बीजेपी के बौंहें टेढी हो गयी है। बीजेपी ने कहा है कि जब गांव में राज्य सरकार कनेक्टिविटी नहीं पहुंचा पाई है तो यह 'हमर अपन बजट नही होकर सरकार कर मनमौजी बजट होई'
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि राज्य सरकार मोबाइल ऐप के जरिए बजट बनाने के लिए सुझाव मांग रही है। पूर्व की बीजेपी सरकार के समय में मोबाइल कनेक्टिविटी का काम ग्रामीण क्षेत्र में तेजी से हुआ था। लेकिन वर्तमान सरकार की उदासीनता के कारण पिछले 2 वर्षों से ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी का काम ठप है। ऐसे में जो आदिवासी ग्रामीण हैं तो कैसे अपनी राय सरकार को देंगे। इन क्षेत्र के आदिवासी मूलवासी अपनी राय देने से वंचित हो जाएंगे।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि राज्य के 19 जिलों के आठ सौ से अधिक गांवों में 4जी सेवा बेहतर होने से डिजिटाइजेशन को भी अब केंद्र सरकार बढ़ावा देने जा रही है। जहां पर टेलीकॉम सेवाएं नहीं थी, वहां अब मोबाइल सेवा के लिए मोबाइल टावर लगाये जायेंगे। इससे कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी। लेकिन इसमें राज्य सरकार का कोई योगदान नहीं है।