BIHAR POLITICS : टिकट कटने से नाराज पूर्व मंत्री रामप्रवेश राय ने बीजेपी से इस्तीफा देने का किया ऐलान, निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी

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गोपालगंज : बिहार के गोपालगंज से इस वक्त की बड़ी राजनीतिक खबर सामने आ रही है. बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और बरौली विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा विधायक रामप्रवेश राय ने गुरुवार को भाजपा से इस्तीफा देने का ऐलान किया है.

बताया जा रहा है कि उन्होंने अपने 25 हजार से अधिक समर्थकों और कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी छोड़ने का फैसला लिया है. सूत्रों के मुताबिक, रामप्रवेश राय का यह कदम भाजपा द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव में बरौली सीट से उनका टिकट काटे जाने के बाद सामने आया है. इस निर्णय से नाराज होकर उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. “पैसे के दम पर काटा गया टिकट” - पूर्व मंत्री के बड़े बेटे का बड़ा आरोप है.

पूर्व मंत्री रामप्रवेश राय ने कहा कि “मैंने पार्टी के लिए 25 साल तक नि:स्वार्थ भाव से काम किया. जनता के बीच रहकर विकास के मुद्दों पर काम किया. लेकिन आज टिकट वितरण में पैसे का लेनदेन हुआ है. पार्टी ने ईमानदार कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर धनबल और रसूख के आगे घुटने टेक दिए हैं.” उन्होंने कहा कि भाजपा में अब सिद्धांतों की जगह व्यक्तिगत लाभ और आर्थिक सौदेबाजी ने ले ली है. रामप्रवेश राय ने साफ कहा कि वे अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरेंगे. बेटे ने लगाया पार्टी पर बड़ा आरोप, कहा- “पिता के साथ हुआ अन्याय” इस घटना के बाद परिवार भी पूरी तरह भावुक नजर आया. पूर्व मंत्री के बेटे राकेश राय ने आंखों में आंसू लिए हुए कहा - “मेरे पिताजी ने बरौली की जनता के लिए दिन-रात काम किया.

लेकिन बीजेपी के बड़े नेताओं ने पैसे के दम पर उनका टिकट काट दिया. यह हमारे परिवार के साथ ही नहीं, पार्टी के सच्चे कार्यकर्ताओं के साथ भी धोखा है.” राकेश राय ने आगे कहा कि “हमलोग अब निर्दलीय चुनाव लड़कर अपने पिता की प्रतिष्ठा को वापस हासिल करेंगे. हम जनता के बीच जाएंगे और एनडीए के उम्मीदवार को रिकॉर्ड मतों से हराएंगे. गोपालगंज में गरमाया चुनावी माहौल. रामप्रवेश राय के इस्तीफे के बाद गोपालगंज और बरौली दोनों इलाकों की राजनीति में जबरदस्त हलचल मच गई है. जहां उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं, वहीं पार्टी के भीतर टिकट बंटवारे को लेकर विरोध के स्वर तेज हो गए हैं.

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि रामप्रवेश राय के निर्दलीय चुनाव लड़ने की स्थिति में बरौली सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है. यह कदम न केवल एनडीए के लिए चुनौती बनेगा, बल्कि विपक्षी दलों की रणनीति पर भी असर डाल सकता है. पूर्व मंत्री के इस्तीफे और निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद गोपालगंज का राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल सकता है. रामप्रवेश राय बरौली क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ और जनाधार के लिए जाने जाते हैं. ऐसे में उनका पार्टी से बाहर होना बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में क्या वाकई रामप्रवेश राय निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरते हैं या फिर कोई नया राजनीतिक गठबंधन बनता है.

गोपालगंज से नमो नारायण मिश्र की रिपोर्ट—