BIHAR NEWS : सुपौल में सीओ के खिलाफ भड़के लोग, रैयतों ने किया विशाल प्रदर्शन

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SUPAUL : किशनपुर में बुधवार को रैयत, समाजसेवी, बुद्धिजिवी और जनप्रतिनिधि ने शिवपुरी पंचायत भवन परिसर से किशनपुर बाजार भ्रमण करते हुए प्रखंड कार्यालय द्वार पर लोरिक विचार मंच के प्रदेश संयोजक डाॅ. अमन कुमार के नेतृत्व व पूर्व संरपंच सत्यनारायण मुखिया के संचालन में किशनपुर अंचल सीओ सुशीला कुमारी के मनमानी, अमर्यादित व्यवहार, जमीन में हेरा-फेरी एवं भ्रष्ट क्रियाकलाप के खिलाफ शांतिपूर्ण ढ़ंग से विशाल प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए लोरिक विचार मंच के प्रदेश संयोजक डाॅ. अमन कुमार ने कहा कि भ्रष्ट पदाधिकारी के कारण राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और सुशासन बाबू नीतीश कुमार का सपना चकनाचूर हो रहा है, भ्रष्टाचार रोके बिना बिहार सरकार व पदाधिकारी के जनता दरबार का कोई औचित्य नहीं हैं।

किशनपुर अंचल में बिना चढ़ावे का कोई काम नहीं होता है, कोई भी कार्य कराने के लिए सीओ साहेब या उनके खास व्यक्ति से मिलकर रिश्वत देना पड़ता है नहीं देने पर फाईल पेंडिग कर दिया जाता है। डाॅ. कुमार ने कहा की अंचल में पदस्थापित राजस्व कर्मचारी अपने कार्यालय में स्वयं नहीं बैठते हैं, उनके जगह उनके मुंशी बैठते हैं और किसी भी कार्य के एवज में अंचलाधिकारी के नाम पर मनमाने रिश्वत लेते हैं। जिस कार्य में रिश्वत मिलता है, उसका निष्पादन करते हैं। जिस कार्य में अंचलाधिकारी और राजस्व कर्मचारी को घुस नहीं मिलता है उसे या तो निरस्त किया जाता है या लंबित छोड़ दिया जाता है। यहाँ तक की कोई जनप्रतिनिधि या समाजसेवी किसी काम का आग्रह करते हैं तो वह कार्य नहीं होता है क्योंकि उसमें घूस नहीं मिलता है।

रिश्वत नहीं देने वाले रैयत के साथ अंचलाधिकारी अमर्यादित व्यवहार करते हैं, जो गरीब व्यक्ति रिश्वत देने में असमर्थ है उनका काम लम्बे समय से लटका हुआ है। पूंजीपति लोग पैसे के बल पर अंचलाधिकारी से मिलिभगत कर गरीब, असहाय, सज्जन व्यक्ति का जमीन हड़पने कार्य कर रहें हैं अगर सही से जाँच पड़ताल किया जाय तो सुपौल जिला के 95 प्रतिशत अंचल कर्मी और राजस्व अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाये जायेंगें। बिहार सरकार अपने स्तर से इसकी उच्च स्तरीय जाँच करायें, वहीं शिवपुरी पंचायत के पूर्व संरपंच सत्यनारायण मुखिया, पूर्व जिला परिषद सदस्य सुशील यादव और सुरजीत कुमार सिंह ने कहा कि अंचलाधिकारी भू-माफिया से मिलकर विद्यालय की जमीन को हेरा-फेरी करने में लगे हुए हैं। गैर मजूरबा जमीन को भी भू-माफिया के नाम पर करने के लिए तुले हुए हैं, अतिक्रमण हटाने में प्रशासन विफल साबित हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों के द्वारा मुख्यमंत्री के नाम मांगपत्र जिला पदाधिकारी को सौंपा गया।