BIHAR NEWS : दीपांकर भट्टाचार्य का नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा पर हमला, "तानाशाही और दमन की यात्रा"

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BEGUSARAI : भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा पर जोरदार हमला बोला है। दीपांकर ने इसे "तानाशाही की यात्रा", "आतंक यात्रा" और "दमन यात्रा" करार देते हुए बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर करने की कोशिशों की निंदा की। उनका कहना था कि नीतीश कुमार जो कभी 1974 के छात्र आंदोलन के नेता थे, आज भारतीय जनता पार्टी की गोदी में बैठकर बिहार को उत्तर प्रदेश के रास्ते पर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं।

दीपांकर भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के नाम पर बिहार की जनता और खासकर युवाओं के साथ अत्याचार और दमन किया जा रहा है। उनका कहना था कि यह यात्रा जनता के लिए कोई शुभकामना लेकर नहीं आई, बल्कि यह राज्य में तानाशाही की मानसिकता को मजबूत करने की कोशिश है। उनका यह भी मानना था कि मुख्यमंत्री की इस यात्रा के पीछे सत्ता का अहंकार और राजनीतिक दमन की सोच है, जो बिहार के लोकतंत्र और संघर्षशील इतिहास के खिलाफ है। भट्टाचार्य ने यह स्पष्ट किया कि बिहार कभी भी तानाशाही को सहन नहीं करेगा। बिहार के लोग हमेशा संघर्ष के रास्ते पर डटे रहते हैं, और इस बार भी वे लोकतंत्र और इंसाफ की लड़ाई को मजबूती से आगे बढ़ाएंगे। बिहार न सिर्फ अपने अधिकारों के लिए, बल्कि देश भर के लोकतंत्र की रक्षा के लिए भी संघर्ष करेगा। उनका कहना था कि भारतीय जनता पार्टी पूरे देश में लोकतंत्र पर हमला कर रही है और अब वह बिहार में भी यह हमले कर रही है।

दीपांकर ने नीतीश कुमार को याद दिलाया कि वह स्वयं कभी छात्र नेता हुआ करते थे और 1974 के आंदोलन के समय उन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्ष किया था। लेकिन अब जब वह मुख्यमंत्री बने हैं, तो उन्होंने भाजपा के साथ गठजोड़ कर लिया है और बिहार को भाजपा के सत्ता मॉडल, खासकर उत्तर प्रदेश के रास्ते पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "यह हम सब के लिए शर्म की बात है कि बिहार के मुख्यमंत्री अब इस तरह की राजनीति में शामिल हो गए हैं। दीपांकर ने यह भी कहा कि बिहार ने पहले भी कई तानाशाह सरकारें देखी हैं और राज्य ने हमेशा संघर्ष की राह पर चलकर उन सरकारों का मुकाबला किया है। अब भी बिहार की जनता किसी भी तानाशाही शासन को स्वीकार नहीं करेगी और इस बार भी संघर्ष के माध्यम से इसका जवाब दिया जाएगा।

इसके अलावा, दीपांकर भट्टाचार्य ने भाजपा पर भी कड़ा हमला किया और आरोप लगाया कि पार्टी ने महाराष्ट्र में चुनावों में धांधली करके सत्ता हासिल की है और अब पूरे देश में लोकतंत्र पर हमले कर रही है। उनका कहना था कि बिहार का संघर्ष सिर्फ राज्य के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए है। बिहार इस लोकतंत्र विरोधी हमले के खिलाफ मोर्चा खोलेगा और पूरे देश के लोकतंत्र को बचाने का काम करेगा।

दीपांकर भट्टाचार्य शनिवार की रात आयशा के छात्र नेता के घर पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे, जहां उन्होंने नीतीश सरकार पर अपने हमले जारी रखे और बिहार की जनता से अपील की कि वे तानाशाही के खिलाफ उठ खड़े हों। उनका यह संदेश था कि बिहार का संघर्ष लोकतंत्र, इंसाफ और मानवाधिकार की रक्षा के लिए है, जो आगे भी जारी रहेगा। दीपांकर के इस बयान से यह साफ हो गया कि बिहार में आगामी दिनों में राजनीतिक संघर्ष तेज हो सकता है, क्योंकि भाकपा माले और अन्य विपक्षी दलों का आरोप है कि नीतीश कुमार की सरकार भाजपा के इशारे पर काम कर रही है और राज्य की राजनीति में एक नए तानाशाही दौर की शुरुआत कर रही है।