बिहार में 20 वर्ष में 12 गुणा बढ़ी बिजली खपत : मुख्यमंत्री विद्युत संबंध निश्चय योजना के अंतर्गत अक्टूबर 2018 में हर घर पहुंची बिजली
पटना: राज्य में पिछले20वर्ष के दौरान ऊर्जा की मांग और खपत में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है.2005में700मेगावॉट बिजली की खपत हुआ करती थी. इसमें12गुणा से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई और2025में जून तक यह बढ़कर8हजार428मेगावॉट तक पहुंच गई है.2012में1हजार751मेगावॉट तथा2014में2हजार831मेगावॉट बिजली की खपत दर्ज की गई है. ऊर्जा विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार,ऊर्जा की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. इसके मद्देनजर पारंपरिक ऊर्जा के स्रोतों का भी उपयोग व्यापक स्तर पर करने की तैयारी है,ताकि बढ़ती मांग की पूर्ति की जा सके.
मुख्यमंत्री विद्युत संबंध निश्चय योजना के अंतर्गत राज्य के सभी घरों तक निर्धारित अवधि से5महीने पहले यानी अक्टूबर2018,में ही बिजली कनेक्शन पहुंचाया जा चुका है. इस योजना का नाम बाद में सौभाग्य कर दिया गया.
प्रति व्यक्ति5गुणा बढ़ी ऊर्जा की खपत
सूबे में बीते20वर्षों के दौरान प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत में करीब5गुणा की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.2005में ऊर्जा खपत प्रति व्यक्ति75किलोवॉट थी,जो2025में बढ़कर363किलोवॉट हो गई है.2012में प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत134किलोवॉट और2014में यह बढ़कर160किलोवॉट दर्ज की गई थी. इसी तरह उपभोक्ताओं की संख्या में भी करीब साढ़े12गुणा की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.2005में राज्यभर में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या17लाख थी,जो2025में बढ़कर2करोड़14लाख हो गई.2012में38लाख और2014में उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर43लाख हुई थी.
अब शहर हो या गांव22-24घंटे रहती है बिजली
वर्तमान में राज्य के सभी शहरों या गांवों में औसतन 22 से 24 घंटे बिजली रहती है. अभी शहरी क्षेत्रों में औसतन 23-24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में औसतन 22-23 घंटे बिजली रहती है. वहीं, 2005 की बात करें, तो शहरी क्षेत्रों में औसतन 10-12 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में यह औसत 5-6 घंटे का था. 2012 में शहरी क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता 14-16 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 8 से 10 घंटे बिजली रहती थी. 2014 में शहरी इलाके में औसतन 20-21 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्र में औसतन 14-16 घंटे बिजली मिलती थी. राज्य में विद्युतीकृत गांवों की संख्या (2005 में) 14 हजार 20 से बढ़कर 39 हजार 73 हो गई है. इसी तरह 2025 में राज्य के विद्युतीकृत टोलों की संख्या 1 लाख 6 हजार 249 हो गई है.