बिहार का जामताड़ा बना नवादा ! : तेजी से फैल रहा साइबर ठगों का नेटवर्क, पुलिस के लिए बड़ी चुनौती
नवादा : यूं तो झारखंड का जामताड़ा साइबर अपराध का गढ़ माना जाता है लेकिन अब साइबर अपराधियों का दायरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। जामताड़ा के बाद अब बिहार का नवादा जिला भी इन दिनों साइबर अपराध का हब बनता जा रहा है। लगातार जिले में साइबर क्राइम के मामले बढ़ते जा रहे हैं। साइबर ठग भोले - भाले लोगों को अपना निशाना बनाकर उनसे मोटी रकम ऐंठ रहे हैं। जिस प्रकार से नवादा में साइबर ठगों का नेटवर्क बढ़ रहा है, वह कहीं न कहीं नवादा पुलिस के लिए एक चुनौती बन रहा है।
एक ऐसी ही ठगी का ताजा मामला जिले के नारदीगंज थाना क्षेत्र से सामने आया है जहां पड़रिया गांव के निवासी इंद्रदेव यादव (किसान) को साइबर ठगो ने अपना निशाना बनाया है। किसान से आधार इनेबल पेमेंट सिस्टम (एईपीएस) के जरिये साइबर ठग द्वारा किसान का फिंगर प्रिंट क्लोन कर धोखाघड़ी की गई ।किसान इंद्रदेव यादव का आरोप है कि उसके बैंक खाते से साइबर ठगों ने 10 - 10 हज़ार रूपये कई बार में कुल 3 लाख 7 हज़ार 5 सौ रूपये की धोखाधड़ी कर ली गई है।
बैंक जाने पर हुआ खुलासा
पीड़ित किसान को घटना की जानकारी उस वक्त हुई जब किसान बैंक के अपने खाते से रूपये निकालने बैंक गए। बैंक के अधिकारियों ने किसान को बताया कि उसके खाते में पर्याप्त राशि नहीं है। इतना सुनते ही किसान के होश उड़ गए। आननफानन में पीड़ित किसान ने अपने बैंक के खाते को अपडेट कराया तो पूरी जानकारी मिली। पीड़ित किसान के मुताबिक उसके पास बैंक खाते से जुड़ा मोबाइल था। परंतु जो परिवार के किसी अन्य सदस्य को दिया हुआ था। जिसके कारण रूपये निकलने के बाद आने वाले मैसेज का भी उसे जानकारी नहीं मिली। पीड़ित किसान ने साइबर थाना में आवेदन देकर ठगी के रूपये की बरामदगी और जिले में बढ़ रहे साइबर अपराध पर लगाम लगाने का गुहार लगाई है।
वहीं साइबर थाने की पुलिस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर अज्ञात साइबर अपराधियों की तलाश में जुट गई है। लोगों का कहना है की नवादा दूसरा जामताड़ा बन चुका है। पुलिस या फिर आर्थिक अपराध इकाई इस मामले में गंभीरता से काम करे तो गिरोह का पर्दाफाश हो सकता है।