पटना हाईकोर्ट में बढ़ते अपराध पर तलब किए गए ‘सरकार : बिहार में शराबबंदी के लिए फौज है, बेलगाम अपराधियों की मौज है !

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पटना हाई कोर्ट ने पटना समेत राज्य के अन्य हिस्सों में चोरी, लूट- पाट और सेंधमारी की घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई करने और शराबबंदी कानून के प्रावधानों को लागू करने के लिए अलग से विशेष टास्क फोर्स का गठन करने समेत अन्य मुद्दों को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार सिंह और संजीव कुमार मिश्रा की जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को याचिका में उठाये गए मुद्दों पर विस्तृत रूप से चार सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि शराबबंदी के लिए अलग से पुलिस फोर्स/ विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाना चाहिए, ताकि प्रभावी ढंग से शराबबंदी कानून से जुड़े प्रावधानों को लागू किया जा सके और अपराध में शामिल एजेंसी और व्यक्तियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जा सके। याचिका के जरिए शराबबंदी कानून के प्रावधानों को लागू करने के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन अलग हटकर पुलिस टास्क फोर्स के गठन करने हेतु आदेश का आग्रह किया गया है।

सवाल है कि आखिर इस तरह की याचिका की जरूरत क्यों पड़ी? पटना हाईकोर्ट ने आखिर क्यों सरकार से जवाब तलब किया है और क्या वाकई बिहार में अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। सवाल का जवाब पिछले 72 घंटों में लूट, डकैती, हत्या की ताबड़तोड़ वारदातों की फेहरिस्त बता रहा है। वैसे तो बिहार में कोरोना को लेकर पाबंदियां बढ़ा दी गई हैं। रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लागू है। पुलिस को मास्क चेकिंग और कर्फ्यू लागू करने में लगाया गया है। शराबबंदी को सख्ती से लागू करने की जिम्मेदारी पहले से ही है। लेकिन ऐसा लगता है कि पाबंदियां जितनी होती है, बिहार में अपराधियों की उतनी ही मौज होती है। बाकी जिलों की छोड़िए, राजधानी पटना में ही अपराधी लगातार पुलिस को चुनौती दे रहे हैं। राजधानी पटना में लगातार गोलीबारी और लूट की घटनाएं हो रही हैं।

तारीख- 9 जनवरी

जगह- दीघा, पटना

वारदात- निजी कंपनी में 12 लाख की डकैती

9 जनवरी को देर शाम दीघा थाना क्षेत्र में अपराधियों ने निजी कंपनी में डकैती की घटना को अंजाम दिया। अपराधियों ने डकैती की इस बड़ी वारदात को उस वक्त अंजाम दिया, जब शाम8:00 बजे पटना में सभी दुकानें बंद हो जाती हैं और पुलिस सड़कों पर गश्ती देने लगती है। इसके बावजूद अपराधियों ने बेखौफ होकर इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया।मास्क और हेलमेट पहने 10 अपराधियों ने निजी कंपनी के दफ्तर में घुसकर कर्मचारियों के साथ मारपीट की। अपराधियों ने 12 लाख से ज्यादा लूट कर फरार हो गए। घटना के बाद पुलिस की टीम हमेशा की तरह लकीर पीटने पहुंची। अपराधी कितने बेखौफ हैं, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि महज 4 दिनों के अंदर दीघा थाना क्षेत्र में ये दूसरी वारदात है।4 दिन पहले दीघा हाट के पास मुरादाबाद के एक मूंगफली कारोबारी को अपराधियों ने लूटपाट की घटना के दौरान ही गोली मार दी थी।

तारीख-8 जनवरी

जगह- जक्कनपुर, पटना

वारदात- लूट के लिए घर में घुसकर मारी गोली

एक दिन पहले 8 जनवरी पटना के जक्कनपुर थाना क्षेत्र के मीठापुर में अपराधी लूट के इरादे से एक घर में घुस गए और विरोध करने पर घर के मालिक को गोली मार दी। गोली लगने से शख्स गंभीर रुप से घायल हो गया जिसे आनन फानन में पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

तारीख-8 जनवरी

जगह- पटना

वारदात- हथियार के साथ दुकानदार पर हमला

8 जनवरी को ही राजधानी में दबंगों की दबंगई देखने को मिली है, जहां दुकान खाली कराने के विवाद को लेकर हथियार से लैस बदमाशों ने एक दुकानदार पर हमला कर दिया और जमकर उसकी धुनाई कर दी। जिसकी सूचना पाते ही गांधी मैदान थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भाग रहे पांच बदमाशों को धर दबोचा है। दस की संख्या में बदमाश हथियारों से लैस होकर पहुंचे थे।

तारीख-7 जनवरी

जगह- बेऊर, पटना

वारदात- कार सवार पर ताबड़तोड़ फायरिंग

एक दिन पहले 7 जनवरी को भी पटना के बेऊर थाना क्षेत्र के हरनीचक में अपराधियों ने कार सवार पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। .इस हमले में कार सवार को दो गोली लगी है। गंभीर हालत में उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, कार पर सवार शख्स अपने ऑफिस के निकला था। इसी दौरान अपराधियों ने गोली मार दी। साफ है राजधानी पटना जहां सीएम से लेकर पूरी सरकार और पुलिस के मुखिया बैठते हैं।, अगर वहीं नाइट कर्फ्यू और कोरोना की बंदिशों के बावजूद अपराधी ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, तो बाकी जिलों का क्या हाल होगा। अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है।

महज 72 घंटे के अंदर बिहार के अलग-अलग जिलों में आधा दर्जन से ज्यादा हत्या, गोलीबारी, लूट की वारदातों को अपराधियों ने अंजाम दिया। खास तौर पर बेगूसराय तो मानो अपराधियों के लिए ऐशगाह बन गया है।

तारीख-10जनवरी

जगह- बेगूसराय

वारदात- घर में घुसकर डॉक्टर की हत्या की कोशिश

बेगूसराय में अपराधी कितने बेखौफ हैं। इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं हथियार के साथ दो बदमाशों ने डॉक्टर के घर में घुसकर हत्या की कोशिश की। परिजन ने एक अपराधी को पिस्टल और कारतूस के साथ पकड़ कर पुलिस के हवाले किया वहीं दूसरा अपराधी फरार हो गया।

तारीख-8 जनवरी

जगह- बेगूसराय

वारदात- खाद दुकान में 3 लाख की लूट

बेगूसराय में शनिवार की शाम खाद दुकान में हथियार के बल पर कर्मचारियों को बंधक बनाकर तीन लाख रूपए की लूट हुई। मामले का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। आप तस्वीरों में देख सकते हैं कि 3 की संख्या में बदमाश हथियार के बल पर दुकान के 4 कर्मचारी को बंधक बनाते हैं और उसके बाद गल्ला से करीब 3 लाख रुपए लूट कर फरार हो जाते हैं। पूरी घटना एफसीआई के बिहट इब्राहिमपुर टोला की है।

तारीख- 7 जनवरी

जगह- बेगूसराय

वारदात- स्वर्ण व्यवसायी की दुकान में 23 लाख की डकैती

बेगूसराय में तो नाईट कर्फ्यू मानो अपराधियों की मौज करने के लिए लागू की गई है। 7 जनवरी की शाम नाइट कर्फ्यू के बीच बेखौफ बदमाशों ने स्वर्ण व्यवसायी को बंधक बनाकर ज्वेलर्स दुकान में 23 लाख की डकैती की घटना को अंजाम दिया है। यह घटना बछवारा थाना क्षेत्र के बछवाड़ा बाजार की है।स्वर्ण व्यवसाई की दुकान में 23 लाख की डकैती को लेकर स्थानीय दुकानदारों का आक्रोश है। दुकानदारों का कहना है कि विगत 1 महीने में तकरीबन 10 चोरियां हो चुकी है, लेकिन पुलिस कुछ नहीं कर रही है। व्यवसायियों ने आंदोलन और चक्का जाम करने की चेतावनी दी है।

तारीख- 7 जनवरी

जगह- बेगूसराय

वारदात- घर में घुसकर पीट-पीटकर हत्या

7 जनवरी को बेगूसराय में बेखौफ अपराधियों ने रिटायर्ड नर्स के बेटे की घर में घुसकर पीट-पीट कर हत्या कर दी...घटना नगर थाना क्षेत्र के श्रीकृष्ण पूरी वार्ड-20 की है...बताया जाता है कि मृतक अकेले ही अपने मकान में श्रीकृष्ण पुरी में रहता था... मृतक के परिजनों ने बताया कि पहले भी उसके ऊपर हमला हो चुका है लेकिन उस समय इलाज के बाद वह बच गया था।

तारीख- 9 जनवरी

जगह- समस्तीपुर

वारदात- निजी कंपनी के सेंटर से 17 लाख की लूट

9 जनवरी को देर शाम नाइट कर्फ्यू के दौरान समस्तीपुर में अपराधी बेखौफ नज़र आए। अपराधियों ने निजी कंपनी के कलेक्शन सेंटर से 17 लाख 42 हजार लूटे। करीब 6 की संख्या में अपराधियों ने वारदात को अंजाम दिया। समस्तीपुर के चकमेहसी थाना क्षेत्र के मालीनगर की घटना है।

तारीख-8 जनवरी

जगह- समस्तीपुर

वारदात- ज्वेलरी दुकान में 6 लाख की चोरी

समस्तीपुर में लगातार चोरों का तांडव देखने को मिला है। जहां 8 जनवरी को अज्ञात चोरों ने मुफस्सिल थाना क्षेत्र के महदैया चौक के महादेव स्थान स्थित मोहन ज्वेलर्स नामक ज्वेलरी दुकान में शटर तोड़ 6 लाख की ज्वेलरी की चोरी कर ली। व्यवसायियों का आरोप है कि पुलिस सूचना के कई घंटे बाद पहुंची।

तारीख- 7 जनवरी

जगह- समस्तीपुर

वारदात- युवक को गोली मारी

7 जनवरी को समस्तीपुर में मछली मारने को लेकर हुए विवाद में युवक को गोली मार दी गई। जख्मी स्थिति में इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है... बाइक सवार पांच की संख्या में अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया।

तारीख- 9 जनवरी

जगह- सीवान

वारदात- विधायक के करीबी की हत्या

सीवान में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। .मामला जिले के सिसवन थाना इलाक के चांदपुर की है। जहां अपराधियों ने दरौंदा से बीजेपी विधायक करणजीत सिंह के एक करीबी की गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक का नाम कृष्णा पांडे बताया जा रहा है।

तारीख-7 जनवरी

जगह- मुजफ्फरपुर

वारदात- 2 को मारी गोली, एक की मौत

7 जनवरी को ही देर शाम मुजफ्फरपुर में अज्ञात अपराधियों ने दो लोगों को गोली मार दी, जिससे एक की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी। वहीं दूसरे व्यक्ति को दूसरा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह घटना काजीमोहम्मदपुर थाना के छाता बाजार की है।

तारीख- 8 जनवरी

जगह- नवादा

वारदात- नाइट कर्फ्यू के दौरान चोरी

नवादा में नाईट कर्फ्यू के बाद चोरों के हौसले बुलंद हैं। 8 जनवरी की देर रात हिसुआ थाना क्षेत्र के चातर ग्राम में चोरों ने दुकान से एक लाख रुपये की कीमती चोरी कर ली...चोरी की सारी वारदात दुकान में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई।

इसके अलावा कई जगहों से छिनतई की घटनाएं सामने आई हैं। साफ है कोरोना की बंदिशों के बावजूद अपराधी बेखौफ हैं और लगातार वारदातों अंजाम दे रहे हैं और पुलिस कहीं नज़र नहीं आ रही है। सवाल है कि क्या कागजों पर ही नाइट कर्फ्यू और कोरोना की बंदिशें हैं। क्योंकि सड़क पर अगर बंदिशें लागू रहतीं, तो पुलिस की गश्ती होती और अपराधी बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम नहीं देते। सवाल ये भी कि शराबबंदी के लिए क्या पुलिस की सारी फौज है, इसीलिए अपराधियों की मौज है।


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