BIG BREAKING : पलामू में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 251 चतुर्थवर्गीय कर्मचारी हुए बर्खास्त

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पलामू : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पलामू में डीसी ने 251 कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है. इसके बाद सभी ने सरकार और प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं. इन सभी कर्मियों की बहाली के लिए 2010 में विज्ञापन निकला था.

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार द्वारा 29 जुलाई 2010 को आयोजित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया को अवैध और असंवैधानिक घोषित किया है. इससे पूरी प्रक्रिया निरस्त हो गयी. कोर्ट ने राज्य सरकार को छह माह के अंदर उक्त पदों के लिए नये विज्ञापन जारी करने का निर्देश दिया है. पदों की संख्या का उल्लेख नहीं करने,आरक्षण व इंटरव्यू राउंड (मूल रूप से विज्ञापन में उल्लेख नहीं) शामिल करने के बीच में नियम को बदलने जैसे कारकों का हवाला देते हुए कोर्ट ने पाया कि भर्ती प्रक्रिया से संविधान के अनुच्छेद-14 व 16 का उल्लंघन होता है.

प्रार्थी अमृत यादव की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने प्रार्थी अमृत यादव की याचिका पर यह फैसला सुनाया. जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने झारखंड हाइकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. खंडपीठ ने कहा कि असंवैधानिक प्रक्रिया के माध्यम से की गयी नियुक्तियों को संरक्षित नहीं किया जा सकता है, भले ही उम्मीदवारों ने वर्षों तक काम किया हो और उनकी नियुक्ति रद्द करने से पहले उनकी बात नहीं सुनी गयी हो.

पलामू से नितेश तिवारी की रिपोर्ट---