नवरात्रा में धार्मिक सौहार्द की मिशाल : बगहा के दुर्गापूजा पंडाल में मुस्लिम धर्मांवलंबी मुख्य भूमिका में

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BAGHA KE PUJA PANDAL ME DIKH RAHI HAI DHARMISK SAUHARDYA BAGHA KE PUJA PANDAL ME DIKH RAHI HAI DHARMISK SAUHARDYA

BAGHA:-जाति और धर्म को लेकर लगातार बढ़ रही नफरत की घटनाओं के बीच भाइचारे और सद्भाव की मनोरम तस्वीरें भी देखने को मिलती है. पश्चिम चंपारण के बगहा में शारदीय नवरात्र के दौरान कौमी एकता का अनूठा संगम देखने को मिला. यहां के पूजा पंडाल में देवी दुर्गा की अराधना के साथ ही नमाज भी अता की जाती है. गंगा-यमुनी तहज़ीब को लेकर शुरू से मिसाल बने बगहा में मुसलमान हिंदुओं के साथ मां दुर्गा की आरती भी करते हैं.

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कर्मभूमि और महर्षि वाल्मीकि की तपोभूमि से सर्वधर्म सद्भाव का अनूठा संदेश धर्म के ठेकेदारों को समरसता का पाठ पढ़ा रहा है. पवित्र शारदीय न्रवरात्र के भक्तिमय माहौल में एक ऐसा शख्स भी है, जिसे अल्लाह भी प्यारा है और भगवान में भी उतनी ही श्रद्धा है.बगहा बाज़ार निवासी अरमानी खां नव दुर्गा पूजा समिति, गोड़िया पट्टी के अध्यक्ष हैं. नवरात्र में नौ दिनों तक उपवास कर समाज के कल्याण की कामना कर रहे हैं. वह पांचों वक्त के नमाजी भी हैं. पूजा की तैयारी के बीच नमाज के लिए समय भी निकालते हैं और मां के दरबार से ही अल्लाह के समक्ष अपनी हाजिरी लगाते हैं.

पंडाल के समक्ष फलाहार कर नवरात्र का व्रत रखने वाले इस मुसलमान के दिल में हिन्दुओं के पर्व के प्रति भी उतनी ही आस्था और श्रद्धा है जितनी अपने धर्म के प्रति. आजकल अपना घर छोड़कर मंडप ही इनका आशियाना बना हुआ है. यहीं पर मां की आराधना भी करते हैं और यहीं पर नमाज भी अता करते हैं. अरमानी खान की भक्ति के कारण बगहा के नवदुर्गा पूजा समिति ने इन्हें अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है. इस जिम्मेदारी से अभिभूत अरमानी खान कहते हैं, ‘मैं पिछले तीन वर्षों से नवरात्र का व्रत रख रहा हूं. राम-रहीम के देश की यही तो खूबसूरती है. हिंदू भाइयों से इतना प्यार और सहयोग मिला है।

वहीं स्थानीय लोग भी यहां के धार्मिक सौहार्द की मिशाल का तारीफ करतें हैं।स्थानीय लोगों की मानें यहां का आपसी सौहार्द लोगों को कुछ बेहतर करने की प्रेरणा भी देता है।


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