बगहा के बाद गोपालगंज में बाघ का खौफ : ग्रामीणों में मची खलबली, रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू
गोपालगंज : बगहा के बाद अब गोपालगंज में भी बाघ की मौजूदगी ने खलबली मचा दी है। जानकारी मिल रही है कि ग्रामीणों ने गंडक नदी के किनारे बाघ चहलकदमी करते देखा। वहीँ सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया।
मामला गोपालगंज के बैकुंठपुर थाना इलाके का है जहां फैजुल्लाहपुर गांव में ग्रामीणों ने गंडक नदी किनारे बाघ को चहलकदमी करते देखा। ग्रामीणों ने बताया कि रात के अंधेरे में बाघ की चहलकदमी दिखी। इसके बाद वन विभाग और पुलिस को इसकी सूचना दी गयी। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग के रेंजर के साथ स्थानीय बीडीओ अशोक कुमार, थानाध्यक्ष धनंजय राय समेत पर्याप्त संख्या में पुलिस बल पहुंच गये। ग्रामीणों की सूचना पर अधिकारियों की टीम ने चारों तरफ जाल का घेरा बनाकर टॉच की रोशनी में बाघ के पंजों की जांच शुरू कर दी।
हालांकि प्रशासनिक अधिकारी बाघ दिखने की पुष्टि कर रहे हैं। थानेदार ने बताया कि रात होने की वजह से वन विभाग की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू नहीं कर सकी। लेकिन सुबह में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। जिस जगह पर बाघ के पंजे के निशान मिले थे। उसके आधार पर वन विभाग की टीम आगे तक बढ़ती गयी। लेकिन सफलता अब तक हाथ नहीं लग सकी है।
इधर, गांव में बाघ के पंजे के निशान भी मिलने की चर्चा है। बाघ गांव में आने की सूचना से ग्रामीणों ने में दहशत का माहौल कायम हो गया है। इसके लिए लोग सावधानी बरत रहे हैं। ग्रामीणों ने आशंका जतायी है कि गंडक नदी के रास्ते बाल्मीकिनगर टाइगर प्रोजेक्ट से बाघ इलाके में आया होगा। हालांकि जब तक इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाती या फिर बाघ पकड़ा नहीं जाता तब तक कुछ भी कहना स्पष्ट नहीं होगा।
वहीँ कई लोग फिशिंग कैट या बाघ होने की भी संभावना जता रहे हैं। गोपालगंज में इसके पहले फिशिंग कैट और बाघ मिल चुके हैं। मामले में जब जिला वन पदाधिकारी राम सुंदर एम ने कहा कि रेंजर की टीम लगी हुई है। डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने मामले में वन विभाग को स्पॉट की जांच कर रिपोर्ट मांगी है। डीएम ने कहा कि ग्रामीणों की सूचना पर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है।