अवैध अफीम की खेती के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई : पुलिस ने फसलों को किया नष्ट, 4 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज
दुमका :बड़ी खबर दुमका से जहां पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर जामा थाना क्षेत्र में खेत में लगी अवैध अफीम की फसल को नष्ट कर दिया है. वहीं पुलिस ने अवैध अफीम की खेती करने वाले 4 भू स्वामियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.
जानकारी के अनुसार जामा थाना क्षेत्र के दो गांवों में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की जा रही थी. जिसे जरमुंडी एसडीपीओ संतोष कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने दोनों गांवों में छापेमारी कर अफीम के पौधों को नष्ट कर दिया है. मिली जानकरी के अनुसार घाघरा गांव में तीन स्थानों पर 10 कट्ठे तो कहीं 15 कट्ठे जमीन पर अवैध तरीके से अफीम की खेती की जा रही थी. वहीं गणेशडीह गांव में करीब चार स्थानों में अफीम की खेती की जा रही थी. गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अफीम के पौधों को नष्ट कर दिया है. मामले में मजिस्ट्रेट विकास मिश्रा के लिखित बयान पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है. इसमें गणेशडीह के खगेश्वर सिंह, घाघरा के मनोज मांझी, लोखाय मांझी एवं अशोक मांझी शामिल हैं.
बता दें कि गांव में घर की बाड़ी में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती होने की सूचना पुलिस को मिली थी. अफीम के पौधों पर किसी की नजर ना पड़े. इसके लिए बाड़ी की घेराबंदी प्लास्टिक और बोरे व चारदीवारी से की गई थी. कम समय में अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से किसान अफीम की खेती कर रहे थे. जानकारों की मानें तो अफीम में 12 प्रतिशत तक मॉर्फिन पायी जाती है. इसको प्रसंस्कृत करके हेरोइन नामक मादक द्रव तैयार किया जाता है. अफीम के कच्चे फल में चीरा लगाकर दूध निकाला जाता है. यही दूध सुख कर जब गाढ़ा होता है तो उसे अफीम कहते हैं. अफीम की खेती करना दंडनीय अपराध है. अफीम का उपयोग दवा बनाने में किया जाता है. मौके पर टीम में दंडाधिकारी विकास मिश्रा, प्रशिक्षु डीएसपी सह थाना प्रभारी मसलिया आकाश भारद्वाज, थाना प्रभारी जामा अजीत कुमार, एसआई उमेश सिंकू समेत कई पदाधिकारी व पुलिस बल इस कार्रवाई में शामिल रहे.