बाढ और कटाव : अपने ही हाथों अपना आशियाना उजाड़ने को मजबूर हैं बगहा के मोतीपुर के ग्रामीण..
बगहा- गंडक नदी का जलस्तर कम होने के साथ ही अब कटाव का खतरा मंडराने लगा है। बगहा के ठकराहा प्रखंड के मोतीपुर पंचायत के हरख टोला, शिवपुर और मुशहरी मिश्र टोला गांव अब कटाव से विलीन होने के कगार पर है। कटाव के कारण गंडक किनारे बसे गांवों के लोग अब पलायन की तैयारी में है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की ओर से अबतक कोई सहयोग नही मिल रहा।
85 साल के ग्रामीण रति यादव ने बताया कि जिन्दगी के अंतिम पडाव पर गंडक नदी ने उनको ठिकाना बदलने पर मजबुर कर दिया है। गंडक के कटाव की वजह से वर्षों पुराने आशियाना को लोग अपने ही हाथों उजाड़ने को मजबुर है।इस गांव के लगभग 50 से 60 परिवार घर के सामान को ट्रैक्टर ट्रॉली एवं बैलगाड़ी से सुरक्षित स्थानों के तरफ ले जा रहें हैं.
इस कटाव की वजह से सैकडों एकड में लगे गन्ना और धान की फसल गंडक के पानी में सड़कर बर्बाद हो गया। इसके साथ अब उनके आशियाने गंडक कटाव की चपेट में है। पलायन के साथ ही वे कहां शरण लेंगे,इसकी चिंता उन्हे सता रही हैं। गंडक की बढती कटाव के कारण लोगों का रहना दूभर हो गया है। ग्रामीण बताते है कि गंडक की भयावहता के कारण वे रातजग्गा कर रहे है।कटाव के कारण किनारे बसे कई गांव अब पलायन की तैयारी में है। ग्रमीणों ने प्रशासन पर उदासीनता और लापरवाही का आरोप लगाया है.ग्रामीणो ने बताया कि पलायन के बाद उन्हे भोजन के साथ रहने की गंभीर समस्या है।
वहीं इस परेशानी को सत्तधारी जेडीयू के वाल्मीकिनगर के विधायक धीरेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकु सिंह ने भी स्वीकार किया है.उन्हौने कहा कि कटाव पीड़ितों की समस्या को लेकर उन्हौने जिला प्रशासन की टीम को अवगत कराया है .अगर जिला प्रशासन जल्द ही किसी तरह का राहत नहीं देती है तो वे फिर वे सड़क पर उतर कर अपना विरोध दर्ज कराएंगे. वहीं इस मामले पर ठकुराहा के अंचलाधिकारी ने आम लोगों को भरोसा दिया है कि कटाव का प्रशासन नियमित जायजा ले रही है।पीड़ित ग्रामीण ऊंचे स्थान पर चलें जाएं. प्रशासन की ओर से उन्हें हर संभव सहायता भी दी जाएगी।