Women's Day 2024 : महिलाओं के लिए एक मिसाल बन गई ‘अंजू’,अपनी मेहनत और लगन के दम पर बदली अपनी किस्मत
कोडरमा:- आज महिला दिवस है और आज चर्चा उन महिलाओं की हो रही है, जिसने न सिर्फ खुद को अपने दम पर आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि दूसरों को भी आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ा रही है। ऐसी ही एक महिला है कोडरमा की अंजू देवी। पति से अलग होने के बाद महावीरी झंडा और पताके बनाकर अंजू न सिर्फ आर्थिक आमदनी कर रही है बल्कि दूसरी महिलाओं को भी स्वरोजगार की सीख दे रही है।
अगर हाथों में हुनर हो और मन में कुछ कर गुजरने की तमन्ना तो कोई भी राह मुश्किल नहीं होती। सिलाई मशीन पर अलग-अलग तरह के झंडे और पताके की सिलाई करती, ये है कोडरमा के झुमरी तिलैया की रहने वाली अंजू देवी। अंजू पिछले 15 सालों से महावीरी झंडा और पताके तैयार करने के साथ-साथ देवी देवताओं के वस्त्रो के अलावे जैन और मुस्लिम समुदाय से जुड़े धार्मिक कपड़ो का निर्माण करती है। अंजू यह काम अकेले नहीं करती बल्कि अपने साथ आसपास की 8 महिलाओं को भी रोजगार उपलब्ध करा रही है।
बता दे किआज से तकरीबन18साल पहले जब अंजू ने बेटी को जन्म दिया था तो उसका पति उससे नाराज होकर उसे बेसहारा छोड़कर चला गया। अपने और अपने नवजात बच्ची का पालन-पोषण करने के लिए अंजू ने कपड़े सिलाई का काम शुरू किया और शुरुआती दिनों में वह किसी और के लिए महिलाओं का वस्त्र तैयार करती थी, लेकिन आगे चलकर अंजू ने खुद का व्यवसाय शुरू किया और अपने बचत किए पैसे से महावीरी झंडे और पताके बनाने शुरू कर दिए। अंजू बताती है कि अयोध्या में हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के वक्त अचानक से अंजू के इस कारोबार में उछाल आया और चार गुना झंडो की बिक्री बढ़ गई।
अंजू अपनी बेटी अन्नू को पढ़ा लिखा कर एक बड़ा अफसर बनना चाहती है। अन्नू भी अपने माँ की हौसले और जज्बे को सलाम करती है। अन्नू बताती है कि बचपन से उसने अपनी मां को इस सिलाई मशीन के साथ देखा और इसी सिलाई मशीन के सहारे उसकी परवरिश भी हो रही है। उसने बताया कि जो भी जरूरतमंद महिला उसकी मां के पास आती है, उसे अपने साथ रोजगार भी देती है।
पति से अलग होने के बाद अंजू को आसपास के लोगों का सहारा मिला और जब अंजू के हौसले को पंख मिल गई तो उसने आसपास की महिलाओं और युवतियों को हुनरमंद बनाना शुरू किया। अंजू के काम में हाथ बटाने वाली एक महिला ने बताया कि जो कभी खुद बेसहारा थी, आज वह कई महिलाओं का सहारा बन गई है।
लड़की के जन्म होने के बाद जो शख्स अंजू को बेसहारा छोड़कर चला गया, आज वही अंजू महिलाओं के लिए एक मिसाल बन गई है ।