अंधविश्वास का चक्कर : एक तरफ बीमार युवक गंगा में डूब रहा था ..दूसरी ओर झाड़फूंक करने वाला भगत बचाने से मना कर रहा था..

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Desk:-परिवार के लोग समझ रहे थे कि उसका बीमार बेटा अब ठीक हो रहा है..इसलिए गंगा में नहाने के दौरान चिल्ला रहा है.पर उसका बेटा डूब रहा था और परिवार के आंखो के सामने ही वह गंगा की धारा में बह गया..अब परिवार के लोग अपना सिर पीट रहे हैं..वहीं ओझा-गुणी कराने वाले भगत को बेटे की मौत के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.शिकायत के बाद पुलिस भी कार्रवाई में जुट गई है.


यह मामला बिहार के बेगूसराय जिला का है.प्रसिद्ध गंगा घाट पर सहरसा जिले के शिमरी बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के बल्थी गांव निवासी दुलारचंद मल्लिक अपने बीमार बेटे दशरथ मल्लिक को लेकर पहुंचे थे.उनके साथ परिवार के सदस्य के साथ एक भगत भी थे जिन्हौने मानसिक रूप से बीमार दशरथ मलिक को झाड़-फूंक के जरिए ठीक करने का ठेका लिया था.झाड़-फूंक के बाद दशरथ मल्लिक को गंगा में नहाने के लिए कहा गया..वह नहाने से मना कर रहा था.इसके बावजूद उसे नहाने के लिए दवाब डाला गया..नहाने के दौरान दशरथ गंगा के गहरे पानी मे चला गया और जोर जोर से चिल्लाने लगा.उसके चिल्लाने पर भगत ने कहा कि लगता है कि दूत-भत का असर खत्म हो रहा है..इसलिए दशरथ मलिल्क चिल्ली रहा है.दरअसल दशरथ डूब रहा था और खुद को बचाने के लिए चिल्ला रहा था,पर समय पर उसे किसी ने नहीं बचाया और वह गंगा में बह गया.



गंगा नदी मे बहते ही मौके पर हड़कंप मचा गया.गोताखोर के साथ ही एसडीएआरएफ की टीम दशरथ मल्लिक के शव को खोजने में लगी है..वहीं सूचना के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची और झाड़-फूंक करने वाले भगत को हिरासत मे ले लिया है.


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