नीतीश को कौन भेजना चाहता है दिल्ली? : पीएम से प्रेसिडेंट तक नीतीश की ‘ना’ बार-बार, फिर क्यों गर्म होता है अटकलों का बाजार?

Edited By:  |
Reported By:
after-pm-material-nitish-now-for-president-candidate? after-pm-material-nitish-now-for-president-candidate?

6 महीने पहले पिछले साल अगस्त महीने में जब ललन सिंह जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे। तब जेडीयू की बैठक में नीतीश को पीएम मटीरियल बताया गया था। नीतीश के दो सिपहसालार उपेंद्र कुशवाहा और ललन सिंह ने नीतीश को पीएम मटीरियल बताकर बिहार से लेकर देश की सियासत को गरम कर दिया था। हालांकि दोनो नेताओं ने दावेदारी की बात को खारिज किया, लेकिन इतना जरूर कहा कि नीतीश पीएम मटीरियल हैं और उनमें देश के नेतृत्व की क्षमता है। हालांकि तब नीतीश ने पीएम मटीरियल बताए जाने के सवाल पर हाथ जोड़कर मुस्कुराते हुए ऐसी बातों को खारिज कर दिया।

पीएम मटीरियल पर चर्चा थमने के 6 महीने ही हुए थे कि अब नीतीश को विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनाए जाने की अटकलों का बाजार गर्म हो गया। इन अटकलों पर जेडीयू नेता और मंत्री श्रवण कुमार ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नीतीश प्रेसिडेंट मटीरियल हैं। हालांकि श्रवण कुमार के बयान आने के कुछ ही देर बाद भागलपुर में सीएम नीतीश ने राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने की खबरों पर हैरानी जताते हुए खारिज कर दिया।

यानी पीएम से लेकर प्रेसिडेंट तक, बार-बार नीतीश को लेकर अटकलों का बाजार गर्म होता है और नीतीश ने हर बार इन अटकलों को खारिज किया है। हालांकि नीतीश ने सारी अटकलों पर विराम लगा दिया। लेकिन बीजेपी नेता और डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह कहते हैं कि नीतीश अगर राष्ट्रपति बनते हैं तो उन्हें खुशी होगी।

सवाल है कि अचानक ऐसी अटकलों का बाजार कैसे गर्म हो गया। जवाब समझने के लिए तीन दिन पहले 19 फरवरी का दिल्ली में नीतीश का ये बयान याद कीजिए। जब उन्होने प्रशांत किशोर से मुलाकात के सवाल पर नीतीश ने कहा था कि प्रशांत किशोर हमारे पुराने साथी रहे हैं। उनसे मुलाकात हुई है। दरअसल तीन दिन पहले जब नीतीश दिल्ली में थे, तो उनकी मुलाकात सियासी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से हुई, जिसके बाद ही विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने की खबरों को हवा मिलने लगी। लेकिन सवाल है कि आखिर नीतीश को कभी पीएम मटीरियल तो कभी राष्ट्रपति उम्मीदवार की दौड़ में लाकर दिल्ली कौन भेजना चाहता है। जब नीतीश ने बार-बार ना कहा, फिर भी ऐसी अटकलें क्यों? नीतीश को दिल्ली भेजने से बिहार में किसे फायदा होगा? क्या नीतीश को तीसरा मोर्चा की एकजुटता के लिए आगे किया जा रहा है? क्या 5 राज्यों में चुनाव के बाद सियासी फेरबदल होगा? इन सवालों का जवाब जानने के लिए 10 मार्च का इंतजार करना पड़ेगा, जब 5 राज्यों के चुनावी नतीजे आएंगे।



Copy