सरस मेला में लोककला का दिखा अनूठा संगम : शिवम सागर ने लूटी महफिल, नुक्कड़-नाटक के जरिए दिया जा रहा विशेष संदेश

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 A unique confluence of folk art seen in Saras Mela  A unique confluence of folk art seen in Saras Mela

PATNA :सरस मेला शिल्प एवं कला का अनूठा संगम है, जहां जीविका अपने देश के विभिन्न राज्यों की हस्तशिल्प, कलाकृतियों, संस्कृति, परंपरा और आहार-व्यवहार के कई रंग एक ही कैनवास पर दिखा रही हैl गांधी मैदान, पटना के कैनवास पर उकेरे गए सरस मेला में ग्रामीण शिल्प का विभिन्न रंग और आयाम देखने को मिल रहा है।


लोककला का दिखा अनूठा संगम

बिहार सरस मेला में ग्रामीण शिल्प एवं उद्यमिता को बढ़ावा देने के साथ ही सामाजिक कुरीतिओं के उन्मूलन, लोक संस्कृति के तहत लोक गीत-नृत्य को प्रोत्साहन और सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के प्रति जन-जागरूकता अभियान भी जारी है।

ग्रामीण शिल्प और उत्पादों की प्रदर्शनी एवं बिक्री के उद्देश्य से सरस मेला 15 दिसंबर से 29 दिसंबर 2023 तक ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार के तत्वावधान में जीविका द्वारा आयोजित किया जा रहा है। सरस मेला के समापन में महज तीन दिन शेष हैं लिहाजा लोग जमकर खरीददारी कर रहे हैं।

बिहार सरस मेला के 11वें दिन सोमवार को 25 दिसंबर को लगभग 1 करोड़ 59 लाख 46 हजार रुपये के उत्पादों एवं व्यंजनों की खरीद-बिक्री हुई है। 11 दिनों में खरीद-बिक्री का आंकड़ा 11 करोड़ पर कर गया। 15 दिसंबर से 25 दिसंबर 2023 तक 11 करोड़ 29 लाख 30 हजार रुपये के उत्पादों एवं व्यंजनों की खरीद-बिक्री हुई है। खरीद –बिक्री का आंकड़ा स्टॉल धारकों से लिए गए आंकड़ों पर आधारित होता है।

शिवम सागर ने लूटी महफिल

सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत मुख्य मंच पर मुस्कान सांस्कृतिक मंच के कलाकारों द्वारा लोक गीतों पर आधारित कार्यक्रम की प्रस्तुति की गई। शिवम सागर ने “भोले ओ भोले एवं दिल ना तोड़ो - मुस्कुरा के कहो” एवं कव्वाली- देर ना हो जाए समेत कई गीतों की प्रस्तुति कर दर्शकों की वाहवाही लूटी। मंच संचालक गुलाम सिमानी रहे।

नुक्कड़-नाटक के जरिए दिया जा रहा संदेश

बाइस्कोप को बच्चे अपने मम्मी-पापा को उनके ज़माने की टीवी बता रहे हैं और महज दस रुपये में अपने देश की धरोहर से रू-ब-रू हो रहे हैं। नुक्कड़ नाटक के तहत महिला एवं बाल विकास के तत्वावधान में ठिठोली सामाजिक एवं सांस्कृतिक दर्पण द्वारा बाल विवाह एवं दहेज़ प्रथा उन्मूलन के साथ ही सामजिक कुरीतियों के निवारण हेतु दर्शकों को जागरूक किया।

कलाकारों में फिरोज अहमद, देवेन्द्र कुमार, रंजीत सिंह, लालन यादव, रविन्द्र कुमार श्वेता कुमारी, रंजू कुमारी, तालिब अहमद, रिशा कुमारी, एजाज अहमद और मुमताज अहमद रहे।

सेमिनार हॉल में पीसीआई एवं सखी के संयुक्त तत्वावधान में बिहार में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की चुनौतियों एवं अवसर पर चर्चा हुई। इस चर्चा कार्यक्रम में सरस मेला में बतौर उद्यमी आयी स्वयं सहायता समूह से जुडी महिलाएं उपस्थित थीं। सुमन सिंह, सचिव-सखी तथा शाश्वत राज एवं ओम प्रकाश, पीसी.ई से बतौर विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

(पटना से अंकिता सिंह की रिपोर्ट)


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