मिल गया बेल : खुदकुशी की धमकी के बाद मधेपुरा पुलिस ने 12 टीका लेने वाले ब्रह्मदेव मंडल को थाना से ही बेल दे दिया
Madhepura:-कोरोना के 12 वैक्सीन लेकर देशभर में सुर्खियों में आए मधेपुरा के ब्रह्मदेव मंडल को पुलिस विभाग ने बड़ी राहत दी है.स्वास्थ्य विभाग द्वारा दर्ज एफआईआर में पुलिस ने उन्हें थाना से ही बेल दे दिया है।गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराए जाने के बाद गिरफ्तारी के डर से ब्रह्मदेव मंडल घर छोड़कर फरार हो गए थे और जबरदस्ती गिरफ्तार किए जाने पर खुदकुशी करने की धमकी दी थी.ब्रह्देव मंडल की पत्नी ने भी स्वास्थय और पुलिस विभाग की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे.
पूरे मामले की बात करें तो 84 वर्षीय बुजुर्ग ब्रह्मदेव मंडल ने मीडिया के सामने आकर 12 कोरोना टीका लेने करा दावा किया था जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था.अपनी फजीहत होते देख स्वास्थय विभाग ने आनन-फानन में ब्रह्मदेव मंडल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई थी.उसके बाद पुलिस टीम उन्हें गिरफ्तार करने उनके घर पर रात में ही पहुंच गई थी.उसके बाद ब्रह्मदेव मंडल फरार हो गए थे और गिरफ्तार किए जाने पर आत्महत्या की धमकी दी थी.ब्रह्मदेव मंडल की पत्नी ने पुलिस पर अपराधियों की तरह सलूक करने का आरोप लगाया था.उसके बाद जिले के एसपी ने कहा था कि ब्रह्मदेव मंडल बुजुर्ग हैं और पुलिस उनके साथ किसी तरह की सख्ती नहीं करेगी.इस कड़ी में पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 41 का लाभ देते हुए थाना से ही ब्रह्मदेव मंडल को बेल दे दिया है.
गौरतलब है कि ब्रह्मदेव मंडल के खिलाफ एफआईआर और उनकी गिरफतारी के लिए पुलिस छापमारी को लेकर राजनीति भी होने लगी थी। मधेपुरा सदर के राजद विधायक प्रो. चंद्रशेखर ने एसपी को पत्र लिख कर ब्रह्मदेव मंडल की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी | अपने पत्र में विधायक ने कई सवाल भी उठाए थे | बाद में जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मधेपुरा से पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने भी सरकार और सिस्टम को इस मामले में कटघरे में खरा किया था | पप्पू यादव ने कहा था कि अपनी गलती को छुपाने के लिए स्वास्थ्य विभाग उनके ऊपर केस किया है जो बर्दाश्त करने लायक नहीं है।
थाने से बेल मिलने पर एसपी राजेश कुमार ने बताया कि बुजुर्ग ब्रह्मदेव मंडल ने पुछताछ में बताया कि कोरोना टीका के 12 डोज से लेने से उन्हें काफी लाभ हुआ इसलिए वे लगातार टीका ले रहे थे. चुकी वे उम्रदराज व्यक्ति थे इस लिए उन्हें सीआरपीसी की धारा 41 का लाभ दिया गया... पुलिस समय समय पर उनसे जाँच में सहयोग लेती रहेगी इसके साथ ही अन्य लोगों के भूमिका की भी जाँच की जा रही है.