झारखंड में अंचल अधिकारियों का जलवा : ट्रांसफर के बाद भी नहीं छोड़ रहे कुर्सी, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के कई सीओ नहीं दे रहे चार्ज
रांची. झारखंड के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में अंचल अधिकारियों का जलवा जारी है. पहले कई अफसरों ने कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू हो गयी है, इसलिए वे कुर्सी नहीं छोडेंगे. अब छह जून को आदर्श आचार संहिता समाप्त हो गयी है. फिर भी कई तबादला हो चुके अफसर अपना चार्ज नहीं छोड़ रहे हैं. उदाहरण के तौर पर ओरमांझी के अंचल अधिकारी नीतीन गुप्ता का 15 मार्च को ट्रांसफर कर दिया गया था. इन्हें कार्मिक, प्रशासनिक औऱ राजभाषा सुधार विभाग में योगदान करने को कहा गया था. इनकी जगह पर देवघर में पदस्थापित उज्जवल सोरेन का ट्रांसफर किया गया था. देवघर से आये उज्जवल सोरेन को चार्ज लेना था.
सोरेन 16 मार्च तक तत्काल चार्ज लेने नहीं पहुंच पाये थे. चुनाव और आचार संहिता समाप्त होने के बाद नये वाले उज्जवल सोरेन दो सौ किलोमीटर दूर से चार्ज लेने पहुंचे. लेकिन नीतीन गुप्ता कार्यालय से ही गायब रहे. उज्जवल सोरेन को कार्यभार लेने के लिए पसीने छूट गये. ओरमांझी के निर्वतमान सीओ साहेब कार्यालय से ऐसा गायब हुए कि कुछ पता ही नहीं चला. फोन भी स्विच ऑफ कर दिया. देर शाम तक लुकाछुपी होने के बाद नये सीओ साहब ने स्वतः चार्ज ले लिये और उपायुक्त को इसकी सूचना दी.
कमोबेश यही स्थिति धनबाद के गोविंदपुर की भी रही. यहां पर शशिभूषण सिंह की जगह धर्मेंद्र दुबे का ट्रांसफर हुआ था. धर्मेंद्र दुबे अपना चार्ज लेने भी पहुंचे, पर उन्हें शशिभूषण सिंह ने योगदान देने से मना कर दिया और अपना चार्ज नहीं सौंपा. अब भी स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है. राज्य भर में 15 अंचल अधिकारियों को तबादला आदेश जारी किया गया था.
रांची से दीपक कुमार की रिपोर्ट